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भुवनेश्वर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओडिशा इकाई के उपाध्यक्ष भृगु बक्शीपात्रा और कटक के जिला अध्यक्ष प्रकाश बेहरा लोकसभा और ओडिशा विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को पार्टी से इस्तीफा देकर सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) में शामिल हो गये। बक्शीपात्रा ने दिन में पार्टी से इस्तीफा दिया वहीं बेहरा ने 29 मार्च को भाजपा से नाता तोड़ लिया था।

ऐसी अटकलें हैं कि बीजद बहरामपुर लोकसभा सीट से बक्शीपात्रा और सालेपुर से बेहरा को उम्मीदवार बना सकती है। दोनों नेताओं ने 2019 चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

बक्शीपात्रा ने बीजद के भुवनेश्वर स्थित पार्टी मुख्यालय शंख भवन में सदस्यता ग्रहण की। बहरामपुर से बीजद सांसद चंद्रशेखर साहू ने बक्शीपात्रा का पार्टी में स्वागत किया। भाजपा द्वारा पार्टी विधायक प्रदीप पाणिग्रही को बहरामपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद बक्शीपात्रा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस बीच, बीजेडी ने मौजूदा सांसद साहू को पार्टी का उपाध्यक्ष और घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

पार्टी ने समिति के अन्य सदस्यों की घोषणा अभी नहीं की है, जो राज्य की 147 सदस्यीय विधानसभा और 21 लोकसभा सीट पर एक साथ चुनाव के लिए घोषणापत्र तैयार करेगी।

बीजेडी ने अब तक राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 15 के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। पिछले लोकसभा चुनाव में बक्शीपात्रा ने 3.49 लाख मत हासिल किए थे, लेकिन साहू ने उन्हें करीब 94,000 मतों के अंतर से हरा दिया था।

सालेपुर के पूर्व विधायक प्रकाश बेहरा भी बीजद में शामिल हो गए। पार्टी के वरिष्ठ नेता मानस मंगराज की उपस्थिति में उन्होंने बीजेडी की सदस्यता ग्रहण की। बेहरा ने 2014 में कांग्रेस के टिकट पर सालेपुर सीट जीती थी लेकिन 2019 के चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए और फिर इसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन बीजद के प्रशांत बेहरा ने उन्हें हरा दिया था।

इसी तरह, प्रमुख आदिवासी नेता जॉर्ज तिर्की के बेटे रोहित जोसेफ तिर्की भी बीजेडी में शामिल हो गए। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर सुंदरगढ़ जिले के बीरमित्रपुर विधानसभा क्षेत्र से 2019 का चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे।

बीजद ने 147 विधानसभा सीट में से 72 के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की है, लेकिन अभी पार्टी ने बीरमित्रपुर और सालेपुर के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। रोहित के पिता बीरमित्रपुर से चार बार विधायक रहे हैं और वह 2002 से 2006 तक बीजद में थे।

जॉर्ज झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के टिकट पर पहली बार 1995 में और फिर 2000 में बीरमित्रपुर सीट से विजयी हुए थे। बीजद से इस्तीफा देने के बाद वह 2009 में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर बीरमित्रपुर से चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्होंने 2014 में अपनी राजनीतिक पार्टी समता क्रांति दल की स्थापना की और चौथी बार बीरमित्रपुर से जीत हासिल की। पिता और बेटे दोनों 2019 में क्रमश: सुंदरगढ़ लोकसभा सीट और बीरमित्रपुर विधानसभा सीट से हार गए थे।

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