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प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले में संभल ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर 25 फरवरी तक रोक लगा दी है। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने चंदौसी (संभल) में शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा दायर एक दीवानी पुनर्विचार याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें 19 नवंबर को पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।

यूपी सरकार से मांगा जवाब

दोनों पक्षों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने प्रतिवादी को चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और सुनवाई की अगली तारीख 25 फरवरी निर्धारित की। यह पुनरीक्षण याचिका उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दायर की गई है। उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में संभल जिला अदालत के समक्ष वाद की पोषणीयता (सुनवाई योग्य होने) को चुनौती दी गई थी।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह वाद 19 नवंबर 2024 को दाखिल किया गया जिसके बाद कुछ ही घंटे के भीतर न्यायाधीश ने एक अधिवक्ता आयुक्त की नियुक्ति कर उसे मस्जिद का प्रारंभिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया। यह सर्वेक्षण उसी दिन कर लिया गया और 24 नवंबर 2024 को दोबारा सर्वेक्षण किया गया। जिला अदालत ने यह निर्देश भी दिया था कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट 29 नवंबर तक दाखिल की जाए।

मामले में अधिवक्ता हरिशंकर जैन और सात अन्य लोगों ने संभल के दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत के समक्ष एक वाद दायर किया है जिसमें दलील दी गई है कि जामा मस्जिद का निर्माण एक मंदिर को ध्वस्त कर किया गया है। इसी मा्मले में कोर्ट ने नवंबर में मस्जिद के सर्वे का आदेश दे दिया, जिसके बाद वहां बवाल हो गया।

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