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नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान के राज्यपाल को राज्य में ‘गंभीर राजनीतिक स्थिति' का संज्ञान लेना चाहिए ताकि लोगों को राजनीतिक अनिश्चितता से छुटकारा मिल सके। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भले ही कांग्रेस सरकार हाल में विधायकों की बगावत से बच गई, लेकिन कोई नहीं जानता कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच फिर कब से ‘ड्रामा' शुरू हो जाए। मायावती ने एक बयान में कहा कि गहलोत और पायलट के बीच लंबी सियासी रस्साकशी के बीच कोरोना वायरस के खिलाफ राज्य की लड़ाई और जनता के अन्य महत्वपूर्ण काम प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की स्थिति में लोगों की विभिन्न समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्यपाल को गंभीर राजनीतिक स्थिति का संज्ञान लेते हुए अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करना चाहिए- यह हमारा आग्रह है।'' मायावती ने मीडिया में आयी खबरों का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर भाजपा सरकार भगवान परशुराम की बड़ी प्रतिमा लगवाएगी।

 

उन्होंने कहा कि बसपा इसका विरोध नहीं करेगी बल्कि स्वागत करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा को यह कदम उठाने में विलंब नहीं करना चाहिए और उनकी जयंती को सरकारी छुट्टी घोषित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने ये दोनों काम नहीं किए तो सत्ता में आते ही बसपा उन्हें करेगी।

 

 

 

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