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लखनऊ: कानपुर में संजीत यादव के अपहरण व हत्या के मामले ने प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था को एक बार फिर उजागर कर दिया है। संजीत का अपहरण किया गया उसकी हत्या कर दी गई और फिर उसके परिवार से फिरौती वसूली गई। वारदात के खुलासे से जनता में आक्रोश है। हालांकि सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

वहीं, विपक्ष ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा चेतावनी के बाद भी सरकार निष्क्रिय रही। सरकार को परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कानपुर से अपहृत इकलौते बेटे की मौत की खबर दुखद है। चेतावनी देने के बाद भी सरकार निष्क्रिय रही। अब सरकार 50 लाख का मुआवज़ा दे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी।

 

मायावती ने कहा यूपी में जंगलराज

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा कि यूपी में जारी जंगलराज के दौरान एक और घटना में कानपुर में अपहरणकर्ताओं द्वारा संजीत यादव की हत्या करके शव को नदी में फेंक दिया गया जो अति-दुःखद व निन्दनीय है। प्रदेश सरकार खासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यव्स्था के मामले में तुरन्त हरकत में आए, बीएसपी की यह माँग है।

 

 

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