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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के खूंखार अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर की अचानक खबर आने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो जाएगा। इसी के साथ ही यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की योगी सरकार पर इस एनकाउंटर को लेकर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एनकाउंटर की खबर सामने आने के बाद कहा है कि यह एनकाउंटर सरकार को बचाने के लिए किया गया है। 

अखिलेश ने ट्विट कर कहा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बच गई है। अखिलेश यादव ने गुरुवार को विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद भी योगी सरकार पर सवाल उठाया था। उन्होंने विकास दुबे की गिरफ्तारी को सरेंडर होने का शक जताया था। उन्होंने कहा था कि सरकार स्पष्ट करे कि यह गिरफ्तारी है या फिर आत्मसमर्पण। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था, 'खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड' का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।'

उन्होंने इसके अलावा एक बयान में कहा था कि 'चार राज्यों की सीमाएं पार कर, लॉकडाउन के समय की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर कुख्यात अपराधी छह दिनों तक पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा, इसके पीछे माफिया, पुलिस और सत्ता का गठजोड़ भी रहा होगा। इसलिए उसके मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि सबकी मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।'

अखिलेश ने आरोप लगाया कि 'कानपुर की घटना ने यूपी की भाजपा सरकार का चोला भी उतार दिया है और मुखौटा भी। इस घटना ने पुलिस बल के खुफिया तंत्र की भी पोल खोल दी है। एक बड़ी नृशंस घटना के पहले और बाद में आरोपी को जिस तरह सहयोग मिला, वह जाहिर करता है कि व्यवस्था में कितनी सड़ांध पैदा हो गई है।'

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