लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने प्रदेश में गोवंश आश्रय स्थलों की व्यवस्था ठीक न होने व जानवरों के लिए चारे की कमी का मुद्दा उठाया। सरकार के जवाब से सपा सदस्य संतुष्ट नहीं दिखे और उन्होंने गोवंश की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया। सरकार का कहना था कि उसने गोवंश के लिए आश्रय स्थल बनवाने, हरे चारे व देखभाल की पर्याप्त व्यवस्था की है। यह नई व्यवस्था है, इसलिए इसे लागू करने में थोड़ा समय जरूर लग रहा है। विधानसभा में यह सवाल भाजपा के जवाहर लाल राजपूत ने उठाया।
बसपा के लालजी वर्मा ने कहा कि गोवंश आश्रय स्थल में देखभाल के लिए दूसरी जगह लगे सफाईकर्मियों को लगा दिया गया है। सरकार इन स्थलों के लिए स्थाई तौर पर सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए क्या पद सृजित करेगी? खन्ना ने कहा कि यह कहना गलत है कि देखभाल के अभाव में गोवंश की मौत हो रही है। कई जगह तो आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। सरकार चारे के लिए प्रति पशु 30 रुपये देने जा रही है। 171 नगरीय निकायों में पशु आश्रय स्थलों के लिए 284 करोड़ रुपये रखे गये हैं।
सपा के नेता इकबाल महमूद ने कहा कि न चारे की व्यवस्था है और न आश्रय स्थलों पर पशुओं की ठीक से देखभाल हो रही है।
कांग्रेस ने बाढ़ के मुद्दे पर किया वाकआउट
कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू ने नियम 56 के तहत कुशीनगर के तमकुहीराज में बूढ़ी गंडक नदी से एपी तटबंध पट्टी में 25 घर कट जाने और सरकार की तरफ से बाढ़ बचाव की व्यवस्था न किए जाने का मामला उठाया। सरकार की ओर से बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि सरकार ने बाढ़ आने से पहले ही पर्याप्त व्यवस्था कर ली थी ताकि कम से कम जन व पशु हानि हो। मुख्यमंत्री ने यह भी फैसला लिया कि जो डूब क्षेत्र में लोग होंगे। उनकी भी सुरक्षा व देखभाल सरकार करेगी।
कांग्रेस सदस्य इस पर चर्चा कराना चाहते थे। वह सरकार के जवाब से असंतुष्ट दिखे। इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग मंजूर न होने पर कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।