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लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी में जिला संगठन को छोड़कर सभी कमेटियों को भंग कर दिया है। साथ ही जिला प्रभारी और विधानसभा प्रभारी के पद भी समाप्त कर दिए गए हैं। इसके स्थान पर पुरानी व्यवस्था को बहाल करते हुए प्रदेश को चार सेक्टरों में बाटा गया है। मंडल के साथ जोन की व्यवस्था फिर से बाहल कर दी गई है। बसपा सुप्रीमो ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए जोनवार प्रभारी बनाए थे। इसके साथ ही जिले के साथ विधानसभा प्रभारी भी बनाए गए थे।

मायावती ने सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक में जिला संगठन को छोड़कर सभी कमेटियां भंग कर दिया। कहा कि जोन इंचार्ज की अब कोई जरूरत नहीं है। इसलिए पुरानी व्यवस्था को फिर से बहाल किया जा रहा है। उन्होंने पुरानी व्यवस्था को बहाल करते हुए प्रदेश को चार सेक्टरों में बांटा है। इसमें तीन हिस्सों में पांच-पांच मंडल और एक में तीन मंडल को रखा गया है। इसके साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए नेताओं की जिम्मेदारी भी बांट दी गई है।

 

बाबू मुनकाद अली को इनाम

मायावती ने समीक्षा बैठक के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व राज्यसभा सांसद बाबू मुनकाद अली की तारीफ की। मायावती ने कहा कि जहां यादव मतदाताओं के वोट नहीं थे, वहां उनके प्रत्याशी एससी-एसटी और मुस्लिम समीकरण से चुनाव जीते। इसका उदाहरण मुरादाबाद मंडल है। उन्होंने बाबू मुनकाद अली को लखनऊ, बरेली, कानपुर, चित्रकूट और झांसी सहित पांच मंडलों की जिम्मेदारी दी है।

मायावती ने कई कोऑर्डिनेटर के कार्यक्षेत्र भी बदले। कई का प्रमोशन किया गया और कई को फटकार लगाई। नगीना से सांसद चुने गए गिरीशचंद्र को भी मायावती ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। शमशुद्दीन राइन, गिरीशचंद्र , राजकुमार गौतम को मुरादाबाद, अलीगढ़, आगरा, सहारनपुर, मेरठ की जिम्मेदारी सौंपी गई।

कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार पूर्व सांसद राज्यसभा और नौशाद अली को इलाहाबाद, बनारस, मिर्जापुर और आजमगढ़ मंडलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सुनील कुमार चित्तौड़ पूर्व एमएलसी को गोरखपुर, देवीपाटन मंडल, बस्ती और फैजाबाद की जिम्मेदारी दी गई।

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