बलिया: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को दावा किया कि उनकी पार्टी के सभी विधायक एकजुट हैं तथा उनके भाजपा में शामिल होने की खबरें भ्रामक हैं। सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने ट्वीट किया कि मीडिया में खबरें आ रही हैं कि उनके पार्टी के विधायक भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'यह महज अफ़वाह है। हमारे तीनों विधायक त्रिवेणी राम, रामानन्द बौद्ध और कैलाश नाथ सोनकर चट्टान की तरह सुभासपा के साथ हैं। राजभर ने कहा,‘‘हम सब लोग संघर्षों के साथी हैं। भाजपा कितना भी कोशिश कर ले, उसके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे।’’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा उनके विधायकों को मंत्री ही नहीं, किसी भी पद का प्रलोभन दे दे, उनके विधायक किसी तरह के दबाव में नहीं आयेंगे। उल्लेखनीय है कि सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर समेत 4 विधायक हैं।
भाजपा से तनातनी के बाद बर्खास्त
ओम प्रकाश राजभर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में उनकी पार्टी ने भाजपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। वह लोकसभा चुनाव में भी भाजपा से सीटें चाहते थे, लेकिन बात न बनने पर उन्होंने बगावती तेवर अपनाते हुए 39 सीटों पर सुभासपा उम्मीदवार उतार दिए। इस नाराजगी के चलते लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के ठीक एक दिन बाद 20 मई को उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया।
मंत्री आवास का आवंटन निरस्त
राज्य संपत्ति विभाग ने कैबिनेट मंत्री पद के बर्खास्त होने के बाद ओम प्रकाश राजभर का कालीदास मार्ग स्थित मंत्री आवास का आवंटन निरस्त कर दिया है। उन्हें आवास नया दारुलशफा में दिया गया है। सहायक राज्य संपत्ति अधिकारी सुधीर कुमार रूंगटा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि विधायक आवास विधानसभा की सदस्यता अवधि तक के लिए आवंटित किया गया है। उनके द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि श्रेणी चार का पूर्व में यदि कोई आवास आवंटित किया है तो उसका आवंटन भी निरस्त किया जाता है। इसके साथ ही मंत्री रहते हुए दी गई सभी सुख-सुविधाएं वापस ली जाती हैं। सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने कहा है कि राज्य संपत्ति विभाग की नोटिस मिल गई है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जखनिया विधायक त्रिवेणी राम के नाम से गौतमपल्ली में आवंटित बंगला खाली करने का नोटिस मिला है।