लखनऊ: समायोजित शिक्षामित्रों ने 10 हजार रुपये मानदेय पर काम करने से इनकार कर दिया है। बुधवार शाम अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह से पहले बिन्दु पर असहमत होने पर शिक्षामित्र वार्ता अधूरी छोड़कर बाहर निकल आए। वार्ता की विफलता के बाद शिक्षामित्रों ने घोषणा की है कि वे अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक 17 से 19 तक जिलों में आंदोलन करेंगे और 21 से लखनऊ में मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे। समायोजित शिक्षामित्र अभी तक मिल रहे वेतन को ही मानदेय के रूप में दिए जाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षामित्रों के आंदोलन की घोषणा के बाद अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह ने शिक्षामित्र संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया था। अभी तक राज्य सरकार असमायोजित शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मानदेय दे रही है। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने बताया कि हमें समान काम, समान वेतन से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी ने पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में गोरखपुर में एक सभा में कहा था कि सरकार अध्यादेश लाकर कानून बना कर शिक्षामित्रों को शिक्षक का दर्जा दे लेकिन सत्ता में आने के बाद वह अपनी बात भूल रहे हैं। यूपी: शिक्षा मित्रों के विरोध से मुश्किल में भाजपा, जानिए कैसे बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के जिले के अंदर स्थानांतरण के लिए आवेदन 19 से 28 अगस्त तक दिए जा सकेंगे। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने सभी जिलों को पत्र भेज कर कहा है कि वे अपने जिले में स्कूलों की सूची रिक्तिवार तैयार कर लें ताकि इन्हें 18 अगस्त तक ऑनलाइन किया जा सके। जिले इस संबंध में समाचार पत्र में विज्ञापन देंगे कि रिक्तिवार स्कूलों की सूची किन जगहों पर उपलब्ध होगी। वहीं एनआईसी पर भी यह सूची डाली जाएगी। आवेदन करने वाले शिक्षक ब्लॉक नहीं, बल्कि सीधे स्कूलों को लॉक कर सकेंगे।