लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि शिक्षामित्रों को अपमानित किया गया, उनके साथ अन्याय हुआ है, कई जानें गई हैं, जिन शिक्षा मित्रों की जान गई है उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये देने चाहिए। नोटबंदी के बहाने भाजपा सरकार ने बैंकों में जनता की गाढ़ी कमाई जमा करा दी लेकिन खाता धारकों को कुछ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सामाजिक सौहार्द और जातीय सद्भाव में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि हमारी ईश्वर में आस्था है लेकिन प्रचार में नहीं। तरक्की में भारत दुनिया से पिछड़ गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो तरक्की होनी थी नहीं हुई। उन्होंने कहा भाजपा से हमारी लड़ाई इस बात की है कि कौन कितनी तेजी से विकास करता है। विकास कार्य हर हाल में जारी रहने चाहिएं। भाजपा सरकार को विकास की तरफ एक कदम तो बढ़ाना चाहिए। जबकि समाजवादी सरकार ने विकास का बुनियादी ढ़ांचा तैयार किया था। यादव ने शनिवार को खरगापुर, गोमतीनगर विस्तार में एक स्कूल के उदघाटन के अवसर पर कहा कि भाजपा हमें बैकवर्ड कहती है लेकिन हम काम में फारवर्ड है।
भाजपा सरकार को आगरा एक्सप्रेस-वे और मेट्रो रेल जैसी समाजवादी सरकार की विकास परियोजनाएं उससे कम अवधि में बनाकर दिखानी चाहिए। हमारी विचारधारा समाज को जोड़ने की है जबकि भाजपा की नीति समाज को तोड़ने की रही है। भाजपा की राजनीति स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए भाजपा कुछ भी कर सकती है। इस तरह की राजनीति से भाजपा जन विश्वास को आहत कर रही है। समाजवादी विकास की राजनीति करते है। सामाजिक सद्भाव और विकास साथ साथ हो। उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीति की नैतिकता को ताक पर रख कर अलोकतांत्रिक आचरण कर रही है। भाजपा बिहार, गुजरात, गोवा, मणिपुर, और उत्तर प्रदेश में जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर दलबदल करा रही है। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री अभी तक विधायक नही बन सके। उन्हें चुनाव लड़कर विधायक निर्वाचित होना चाहिए न कि विधान परिषद के सदस्यों का इस्तीफा कराकर उनके स्थान पर सदस्य बनने की कोशिश। यह राजनीतिक भ्रष्टाचार है।