कानपुर: राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार में से कोई भी जीते, उत्तर प्रदेश का औद्योगिक शहर कानपुर चर्चा में रहेगा। दरअसल, कोविंद कानपुर के कल्याणपुर में रहते हैं जबकि मीरा का ननिहाल शहर में है। 71 वर्षीय कोविंद का जन्मस्थान कानपुर देहात का है लेकिन अब कानपुर नगर ही उनका घर है। बेहद साधारण पृष्ठभूमि से आए कोविंद एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से पहले तक बिहार के राज्यपाल थे। कानपुर नगर के महर्षि दयानंद विहार में कोविंद के पड़ोसी उन्हें ऐसे सौम्य और मृदुभाषी व्यक्ति के रूप में जानते हैं जो सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करता है। वर्ष 2006 से 2008 तक राज्यसभा सांसद रहे कोविंद के जनसंपर्क अधिकारी अशोक द्विवेदी का कहना है कि कोविंद बहुत साधारण परिवार से हैं और कड़ी मेहनत एवं समर्पण के बल पर यहां तक पहुंचे हैं। उनके अनुसार, कोविंद जमीन से जुड़े नेता होने की वजह से भोजन भी बहुत सादा ही पसंद करते हैं। दूसरी ओर, राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार का ननिहाल कानपुर में है। पिछले शुक्रवार को लखनऊ आईं मीरा उत्तर प्रदेश के साथ अपना रिश्ता बताने के दौरान अपने ननिहाल का जिक्र करना नहीं भूलीं।
इससे एक बात तो तय है कि दोनों उम्मीदवारों में से चाहे जो भी राष्ट्रपति बने, कानपुर का चर्चा में आना तय है। कोविंद और मीरा से पहले वर्ष 2002 में कानपुर की ही लक्ष्मी सहगल भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ चुकी हैं। लक्ष्मी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में थीं। उन्हें भाकपा, माकपा, रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी तथा ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने मुख्य रूप से समर्थन दिया था। उस चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को 922884 जबकि लक्ष्मी को 107366 वोट मिले थे।