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लखनऊ: सपा-कांग्रेस गठबंधन में रायबरेली और अमेठी की सीटों को लेकर अब सहमति बन गई है। सपा अमेठी जिले की एक और रायबरेली की दो सीटें अपने पास रखकर बाकी कांग्रेस के हवाले करेगी। कैबिनेट मंत्री मनोज पांडेय ने तो साइकिल सिंबल से अपनी सिटिंग सीट से गुरुवार को नामांकन कर दिया। सपा ने कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति के लिए अमेठी सीट और देवेंद्र सिंह के लिए सरेनी सीट भी अपने पास रखी है। कांग्रेस हालांकि राज्यसभा सांसद डॉक्टर संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह के लिए अमेठी सीट सपा से लेने के लिए दबाव बनाए हुए है। यही सीट मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति के लिए शुरू से चाहते थे। इसी सीट से गायत्री प्रजापति पहले से सपा प्रत्याशी घोषित हैं। रायबरेली जिले में बछरावां, तिलोई, हरचंदपुर, रायबरेली, सलोन, सरेनी और ऊंचाहार सीटें हैं जबकि अमेठी जिले में अमेठी, गौरीगंज व जगदीशपुर सीटें हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से सांसद हैं। दोनों जिलों के कांग्रेसी शुरू से ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक रहे थे। डॉक्टर संजय सिंह के अलावा सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा ने भी खुले तौर पर ऐलान कर दिया था कि कांग्रेस दोनों जिलों की सभी 10 सीटों पर लड़ेगी। गठबंधन के तहत सपा के कुल 298 और कांग्रेस के 105 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात तो तय हो गई थी लेकिन सीटों के बंटवारे का विवाद बना रहा। इसमें अमेठी और रायबरेली की सीटों का मामला सबसे पेचीदा था।

पिछले चुनाव में दोनों जिलों की दस सीटों में से कांग्रेस को केवल दो सीटें हाथ लगी थीं। अधिकांश सीटें सपा जीत ले गई थी। कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय कराया। इसमें सात सीटें कांग्रेस और तीन सीटें सपा को देने पर सहमति बनी।

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