ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

बेंगलूरू: कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने कर्नाटक उपचुनाव के नतीजों पर कहा कि हमें इन 15 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाताओं के जनादेश से सहमत होना होगा। लोगों ने दलबदलुओं को स्वीकार कर लिया है। हमने हार स्वीकार कर ली है, मुझे नहीं लगता कि हमें निराश होना पड़ेगा। आपको बता दें कि 15 सीटों के उपचुनाव के रुझानों में बीजेपी 12 सीटों पर आगे चल रही है। कनार्टक के 15 विधानसभा सीटों पर 5 दिसंबर को हुए उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है और शुरुआती रुझानों में भाजपा आगे चल रही है।

उपचुनाव के नतीजे दक्षिणी राज्य में चार महीने पुरानी भारतीय जनता पार्टी की येदियुरप्पा सरकार के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि सत्तारूढ़ दल को कम से कम सात सीटों पर जीत की जरूरत है, ताकि उसके पास 223 सदस्यीय विधानसभा में कम से कम साधारण बहुमत 112 हो सके। आज 15 सीटों पर चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि चार महीने पुरानी बी. एस. येदियुरप्पा सरकार का भाग्य तय करेंगे, क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के पास बहुमत की कमी है। भाजपा को कम से कम सात सीटें जीतनी होगी, जिससे सदन में उसका बहुमत बरकरार रहे। भाजपा के पास वर्तमान में 105 विधायक है, जिसमें एक निर्दलीय विधायक भी शामिल है।

कांग्रेस की आंख भी नतीजों पर टिकी है, क्योंकि इसके नेता जनता दल-सेक्युलर (जद-सेक्युलर) के साथ फिर से गठजोड़ का संकेत दे रहे हैं। कांग्रेस नेता बी.के.हरिप्रसाद ने कहा कि नतीजों से बहुत सी चीजें बदल जाएंगी।

येदियुरप्पा के सत्ता में आने से पहले कांग्रेस-जद (सेक्युलर) की सरकार कांग्रेस के 14 व जद-सेक्युलर के तीन विधायकों के इस्तीफे से गिर गई थी। सभी बागी विधायकों को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य करार दे दिया। अब 15 सीटों पर उपचुनाव कराए गए हैं। दो सीटों के लिए हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है।

चुनाव आयोग अधिकारी जी. जडियप्प्पा ने बताया, “सभी 15 विधानसभा क्षेत्रों के वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से 11 केंद्रों पर शुरू हुई, जिनमें बेंगलुरु के चार शहरी सीटों के लिए तीन शामिल हैं। पोस्टल बैलेट की गिनती पहले हो रही है, उसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती होनी है।”

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख