बेंगलूरू: कर्नाटक में 15 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना कल सुबह 8 बजे से शुरू होगी। सबसे पहले 808 डाक से भेजे गए मतपत्रों की गणना की जाएगी। कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के 15 विधायको के अयोग्य घोषित होने और इस्तीफे के बाद इन 15 निर्वाचन क्षेत्रों में उप-चुनाव हुए थे। विधानसभा अध्यक्ष सहित सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 105 सदस्य हैं और एकमात्र निर्दलीय विधायक इसका समर्थन कर रहा है। भाजपा को साधारण बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम छह सीटों की जरूरत है। कुल 165 उम्मीदवारों ने इस उप-चुनाव में अपना भाग्य आजमाया था। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने 15-15 उम्मीदवार खड़े किए थे जबकि जनता दल सेक्युलर ने 12 उम्मीदवार खड़े किए थे। बृहस्पतिवार को हुए उप-चुनाव में 67.91 प्रतिशत मतदान हुआ था।
तय होगा येदियुरप्पा सरकार का भविष्य
चार महीने पुरानी बीएस येदियुरप्पा सरकार का भविष्य सोमवार को तय होगा, जब 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आएंगे। इन सीटों पर पांच दिसंबर को वोट डाले गए थे। वोटों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू होगी और दोपहर तक सभी सीटों के नतीजे आने की संभावना है।
भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम छह सीटें जीतना जरूरी है।
क्यों आई उप चुनाव की नौबत
कांग्रेस और जेडीएस के 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद 15 सीटों पर उपचुनाव कराया गया। हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे की वजह से दो सीटों पर उपचुनाव नहीं कराया गया है। इन 15 सीटों में से 12 पर कांग्रेस और तीन जेडीएस के पास थीं। 224 सदस्यों वाली विधानसभा में 17 विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद यह संख्या 207 पर आ गई थी और 29 जुलाई को बीएस येदियुरप्पा ने विश्वास मत हासिल कर लिया।
यह है बहुमत का गणित :-
भाजपा के पास एक निर्दलीय समेत 105 विधायक हैं
कांग्रेस के 66 व जेडीएस के 34 विधायक हैं
बसपा का एक, एक नामित विधायक और स्पीकर भी हैं
15 सीटों पर चुनाव के बाद विधानसभा की क्षमता 222 हो जाएगी
भाजपा को बहुमत के लिए 111 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा
भाजपा को छह सीटें जीतने पर सरकार को बहुमत हासिल हो जाएगा