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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

बेंगलुरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने फ्लोर टेस्ट में विश्वासमत हासिल कर लिया है। उनके समर्थन में 117 विधायकों ने वोट किया। उनके विश्वासमत से पहले भाजपा विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया था। विश्वासमत पेश करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि काफी सोच-समझकर ही गठबंधन सरकार बनाई है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का भविष्य भी गठबंधन पर ही टिका है। विश्वास मत से पहले विधानसभा के स्पीकर के लिए हुए चुनाव को कांग्रेस ने जीता। भाजपा के स्पीकर के पद के लिए एस सुरेश कुमार ने अपना नाम वापस ले लिया था। ऐसे में कांग्रेस के पूर्व स्पीकर के आर रमेश कुमार को स्‍पीकर चुना गया।

भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वह अध्यक्ष पद के लिए भाजपा उम्मीदवार सुरेश कुमार का नामांकन वापस ले रहे हैं क्योंकि अध्यक्ष पद की गरिमा का ध्यान रखते हुए वह चाहते हैं कि चुनाव सर्वसम्मति से हो। उप-मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने रमेश कुमार की स्पीकर पद पर नियुक्ति के बाद उन्हें बधाई दी। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और भाजपा के बीएस येदियुरप्पा बैठक में मौजूद रहे।

इससे पहले विधानसभा के प्रांगण में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बाद में कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने पत्रकारों से कहा कि जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के पास रमेश कुमार को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल है। वह पहले भी विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं और पांच साल तक सदन का बेहतर तरीके से संचालन किया है।

कर्नाटक में 15 मई को आए नतीजों में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। राज्यपाल वजू भाई वाला ने सबसे बड़े दल बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया। भाजपा के बीएस येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली किंतु 19 मई को सदन में बहुमत सिद्ध करने से पहले इस्तीफा दे दिया। इसके बाद जेडीएस के कुमारस्वामी ने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें कांग्रेस का समर्थन है।

 

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