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रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी से जुड़ा विधेयकों को पारित कर दिया। विधानसभा में वेतन संबंधी विधेयकों पर हुई चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने सदस्यों के वेतन में बढ़ोतरी को जरूरी बताया और कहा कि इससे सभी सदस्य अपने कार्यों का बेहतर तरीके से निवर्हन कर सकेंगे। इस दौरान सदन ने विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और संसदीय सचिवों के वेतन संबंधी विधेयकों को भी पारित कर दिया। इन विधेयकों के पारित होने के बाद अब राज्य के मुख्यमंत्री का वेतन 93 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.35 लाख रुपये प्रतिमाह हो गया है। वहीं मंत्रियों का वेतन 90 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.30 लाख रुपये प्रतिमाह हो गया है। जबकि संसदीय सचिवों का वेतन 83 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.21 लाख रुपये प्रतिमाह हो गया है।

इसी तरह विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 91 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.32 लाख रुपये प्रतिमाह, विधानसभा उपाध्यक्ष का वेतन 88 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.28 लाख रुपये प्रतिमाह और विपक्ष के नेता का वेतन 90 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.30 लाख रुपये प्रतिमाह हो गया है। विधेयक के पारित होने के बाद अब विधायकों को 1.10 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा। जिसमें से बेसिक सेलरी 20 हजार रुपये, 30 हजार रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, पांच हजार रुपये टेलीफोन भत्ता, 15 हजार रुपये अर्दली भत्ता तथा 10 हजार रुपये चिकित्सकीय भत्ता शामिल है। इसके साथ ही विधायकों को विधानसभा सत्र के दौरान सत्र में मौजूद होने पर प्रतिदिन एक हजार रुपये भत्ता के रूप में प्राप्त होगा। वहीं वर्तमान विधायकों को हवाई यात्रा और रेल यात्रा के लिए प्रतिवर्ष चार लाख रुपये और पूर्व विधायकों को हवाई और रेल यात्राओं के लिए प्रतिवर्ष दो लाख रुपये प्राप्त होगा। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस वेतन वृध्दि के बाद राज्य के कोष को एक वर्ष में 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार वहन करना पड़ेगा।

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