रांची: झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। वहीं हंगामे के बीच हेमंत सोरेन सरकार ने विश्वास मत पेश कर दिया है। विधानसभा के विशेष सत्र से पहले सोरेन ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा था कि जो जाल हमारे लिए बिछाए हैं, उसी जाल में समेटकर बाहर कर दिया जायेगा। सोरेन और उनकी पार्टी झामुमो ने भाजपा पर संकट का फायदा उठाने की कोशिश करने और चुनी हुई सरकार को गिराने का आरोप लगाया है।
दूसरी तरफ विपक्षी भाजपा का कहना है कि हेमंत सोरेन को एक विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने खुद को खनन पट्टा देकर चुनावी मानदंडों का उल्लंघन किया है। पार्टी ने नए सिरे से चुनाव का आह्वान किया है और मांग की है कि मुख्यमंत्री "नैतिक आधार पर" इस्तीफा दें।
वहीं छत्तीसगढ़ में डेरा डाले झारखंड के सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के कम से कम 30 विधायक विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए रविवार को एक विशेष विमान से रांची पहुंच गए हैं। झारखंड के ये विधायक 30 अगस्त से रायपुर के पास एक रिजॉर्ट में डेरा डाले हुए थे।
वहीं हेमंत सोरेन ने कल विधायकों के साथ बैठक भी की थी।
गौरतलब है कि झारखंड के विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के पद के मामले में निर्वाचन आयोग में याचिका दायर की थी। निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को राज्य के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेज दिया है। राज्यपाल रमेश बैस कभी भी अपना फैसला सुना सकते हैं।
सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में 49 विधायक हैं। सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के पास 30 विधायक, कांग्रेस के 18 और तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पास एक विधायक है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पास 26 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 41 है।