रांची: चारा घोटाले के मामले में जेल की सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज हो गई है। झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को जमानत देने से इनकार कर दिया। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने चार जनवरी को लालू की तीन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को हाईकोर्ट ने स्पेशल सूची तैयार कर 2.15 बजे केस को सूचीबद्ध किया और फैसला सुनाते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी। लालू चारा घोटाले के देवघर, चाईबासा और दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजायाफ्ता हैं।
सजा के खिलाफ लालू प्रसाद ने हाईकोर्ट में अपील याचिका दाखिल की थी। पिछले दिनों उनकी ओर से जमानत की मांग करते हुए आइए (हस्तक्षेप याचिका) दाखिल की गई है। याचिका में बढ़ती उम्र व कई बीमारियों का हवाला देकर जमानत की गुहार लगाई गई थी। बीमार होने के कारण लालू यादव को रांची के अस्पताल में रखा गया है। जहां कस्टडी में उनका इलाज भी चल रहा है। हालांकि लालू प्रसाद यादव का ट्विटर अब भी सक्रिय रहता है। उनके करीबी इसके जरिए लालू प्रसाद यादव के विचारों को सोशल मीडिया पर जाहिर करते रहते हैं।
इससे पूर्व अपने एक ट्वीट में लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री और अपने धुर विरोधी नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया और महागठबंधन की कमजोर छवि पेश करने के लिए उनकी आलोचना की। नीतीश कुमार ने भविष्यवाणी की थी कि विपक्षी दलों के महागठबंधन का राज्य में कोई भविष्य नहीं है। चारा घोटाले से जुड़े कई मामलों में रांची की जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में की गई टिप्पणी पर मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया।
लालू ने ट्वीट किया, ‘‘जो आदमी महागठबंधन द्वारा हासिल गए गए जनता के वोटों की बदौलत कुर्सी पर बैठा है, वह गठबंधन के भविष्य को लेकर भविष्यवाणी कर रहे हैं।''जो आदमी महागठबंधन के वोट से कुर्सी पर बैठा है। जिसने दिनदहाड़े जनादेश की डकैती एवं 11 करोड़ बिहारियों के जनादेश का अपमान किया है वह किस ज़ुबान से महागठबंधन का भविष्य बता रहा है। ऐसे पलटू दग़ाबाज़ों को शर्म भी नहीं आती।
लालू इस समय झारखंड में एक अस्पताल में हैं और अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल के जरिए अपने विचार साझा करते हैं। उनके ट्वीटर हैंडल को उनके करीबी लोग संचालित करते हैं।