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रांची: झारखंड में बीते तीन दिनों में भूख से दो महिलाओं की मौत का मामला सामने आया है, जिसके बाद मुख्यमंत्री रघुबर दास ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मंगलवार को प्रकाशित स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक चतरा जिले के इतखोरी ब्लॉक में मीना मुसहर (45) नाम की महिला की सोमवार देर शाम मौत हो गई। उनके बेटे ने दावा किया है कि मीना की मौत भूख की वजह से हुई है लेकिन इस मामले में अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। महिला कूड़ा बीनने का काम करती थी।

गौतम मुसहर ने पत्रकारों से कहा, 'मैं और मेरी मां कूड़ा बीनकर और बेचकर अपनी जीविका चलाते थे। बीते तीन से चार दिनों में हमें कोई आमदनी नहीं हुई थी।' उसने कहा, 'मेरी मां ने बीते चार दिनों से कुछ नहीं खाया था। सोमवार शाम को उनकी हालत बिगड़ने लगी और मैं अपनी कंधों पर उठाकर उन्हें अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बीते तीन दिनों में भूख से हुई मौत का यह दूसरा मामला है। शनिवार को, गिरीडीह जिले के मनगारगड्डी जिले में सावित्री देवी (65) नाम की महिला की मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने तीन दिनों से खाना नहीं खाया था।

सावित्री देवी के पास न तो राशन कार्ड था और न ही उन्हें वृद्धावस्था पेंशन मिली थी। वह अपनी बहू के साथ भीख मांगकर अपनी जीविका चलाती थी, जबकि उनके दो बेटे काम की तलाश में राज्य से बाहर गए हैं। राज्य में पहले भी, अत्यधिक भूख की वजह से लोगों की जान जाने की रपटें मिली हैं लेकिन राज्य सरकार ने हमेशा इसे मानने से इनकार किया है। लेकिन, इस बार मुख्यमंत्री दास ने गिरीडीह मौत मामले में संज्ञान लिया है और एक रपट मांगी है।

झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता किशोर सहदेव ने कहा, 'कई बार पोस्टमार्टम से यह पता चलता है कि मौत अन्य कारणों से भी हो सकती है. भूखे लोग अपनी भूख मिटाने के लिए जहरीली जड़ों या फलों को खा लेते हैं, जिस वजह से जिला प्रशासन भूख की वजह से हुई मौत को मानने से इनकार कर देता है।

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