चेन्नई: भारत ने 5जी कॉल का आज सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया। रेल और संचार व इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास में 5जी का सफलतापूर्व परीक्षण किया गया है। इसमें पूरा नेटवर्क भारत में ही डिजायन और विकसित किया गया है।
वैष्णव ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें वह 5जी का परीक्षण करने वाली टीम के साथ नजर आ रहे हैं। वैष्णव सहित पूरी टीम इस मौके पर बेहद खुश नजर आ रही है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, हमें आईआईटी मद्रास टीम पर गर्व है जिसने 5जी टेस्ट पैड विकसित किया है जो संपूर्ण 5जी विकास इकोसिस्टम और हाइपरलूप पहल को बड़े अवसर प्रदान करेगा। रेल मंत्रालय हाइपरलूप पहल का पूरा समर्थन करेगा। उन्होंने पूरी टीम को इसके लिए बधाई दी है।
बताते चलें कि दूरसंचार विभाग द्वारा अगले सप्ताह 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास ले जाने की संभावना है।
वर्ष के उत्तरार्ध में अपेक्षित 5जी सेवाओं के रोल-आउट, सेवाओं की गुणवत्ता के साथ-साथ नए प्रकार की सेवाओं में एक नया क्षेत्र बनेगा। ट्राई के अध्यक्ष पीडी वाघेला ने कहा कि डिजिटल तकनीक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में इस सेवा के आने से परिवर्तन देखने को मिलेगा।
बताते चलें कि इस महीने की शुरुआत में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईटी मद्रास में देश के पहले 5जी परीक्षण का उद्घाटन किया था। हाल ही में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह में पीएम मोदी ने कहा था कि अगले डेढ़ दशकों में 5जी से देश की अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का योगदान होने वाला है और इससे देश की प्रगति और रोजगार निर्माण के अवसर को गति मिलेगी।