चेन्नई: आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शशिकला ने बड़ा एलान करते हुए राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। शशिकला ने आगामी विधानसभा चुनावों में एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं को एकता बनाए रखने के लिए कहा है। साथ ही उन्होंने डीएमके को हराने की इच्छा जाहिर की।
उन्होंने कहा कि अम्मा मेरी बहन की जैसी थी, मैं उनके गुजरने के बाद से ही सदमे में चली गई थी लेकिन अब उबरने की कोशिश कर रही हूं। मुझे कभी सत्ता से लोभ नहीं रहा। शशिकला ने आगे कहा कि मेरी बहन जयललिता के सपना को पूरा करने के लिए एआईडीएमके को अगले 100 वर्षों तक शासन करना चाहिए। उन्होंने पार्टी के सच्चे समर्थकों का शुक्रिया भीअदा किया।
बता दें कि अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वी के शशिकला आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की जेल की सजा काटने के बाद नौ फरवरी को तमिलनाडु लौटी थीं। जहां उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया था। हालांकि अन्नाद्रमुक शशिकला से किनारा करती दिखी थी।
अन्नाद्रमुक ने कहा था कि शशिकला का पार्टी से कोई लेना देना नहीं है।
शशिकला का जन्म वर्ष 1957 में चेन्नई से 330 किलोमीटर दूर तंजौर जिले के थिरुथुरईपूंडी में हुआ था। इनकी माता का नाम कृष्णावेणी और पिता नाम विवेकानंदन है। शशिकला लगभग 30 साल तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की खास सहयोगी रही। अपने करियर के शुरुआत में मुख्यमंत्री जयललिता के कार्यक्रमों में फोटोग्राफी का काम करती थी और यहीं से जयललिता की एकदम करीब आ गई।
जयललिता के निधन के बाद शशिकला वर्ष 2016 में एआईडीएमके की महासचिव निर्वाचित हुई। शशिकला तमिलनाडु में चिनम्मा (मौसी ) के नाम से जानी जाती है। सक्रिय राजनीति में शशिकला का प्रवेश 31 दिसंबर 2016 से प्रारम्भ हुआ।