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चेन्नई: अन्नाद्रमुक प्रवक्ता ने आज (बुधवार) दावा किया कि पार्टी महासचिव वीके शशिकला की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में 131 विधायक शरीक हुए, जबकि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेलवम ने बगावत की थी और उन्होंने दावा किया था कि तमिलनाडु विधानसभा में विधायकों का बहुमत उनका समर्थन करेगा। अन्नाद्रमुक प्रवक्ता ने दावा किया है कि शशिकला की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में 131 विधायक शरीक हुए। आधी रात हुई बगावत के बाद शशिकला ने शक्ति प्रदर्शन के लिए पार्टी मुख्यालय में पार्टी विधायकों के साथ एक बैठक बुलाई और उन्हें अपने साथ बनाए रखने की कोशिश करते हुए बाद में उन्हें बसों में भर कर एक अज्ञात स्थान पर ले गईं। हालांकि, मुख्यमंत्री के तौर पर शशिकला का शपथ ग्रहण करना फिलहाल दूर की कौड़ी है क्योंकि राज्यपाल विद्यासागर राव अब भी मुंबई में हैं और यहां आने का संकेत नहीं दे रहे हैं। इस बीच ये अपुष्ट खबरें भी हैं कि यदि राज्यपाल ने शशिकला को शपथ दिलाने में देर की तो वह राष्ट्रपति के सामने इन विधायकों की परेड भी करा सकती हैं। वहीं, पनीरसेलवम ने कहा है कि जयललिता के स्वास्थ्य की स्थिति और उनकी मृत्यु से जुड़े संदेहों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश के तहत एक जांच आयोग गठित किया जाए। विधायकों को संबोधित करते हुए शशिकला ने पनीरसेलवम पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी से विश्वासघात किया है और पूरी तरह से द्रमुक से मिले हुए हैं जिससे जयललिता जीवन भर लड़ी।

उन्होंने बीती रात पनीरसेलवम को पार्टी कोषाध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें पनीरसेलवम के कदमों की कुछ दिन पहले ही आहट सुनाई पड़ गई थी और पार्टी एकजुट है तथा ऐसी धमकियों के आगे नहीं झुकेगी। शशिकला ने पार्टी को अस्थिर करने की कोशिश करने का द्रमुक पर आरोप लगाते हुए कहा कि अन्नाद्रमुक में विश्वासघात की कभी जीत नहीं होगी और कोई भी व्यक्ति पार्टी को बांटने में सफल नहीं होगा। गौरतलब है कि पनीरसेलवम को जयललिता ने उस वक्त अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था जब उन्हें प्रतिकूल अदालती फैसलों को लेकर दो बार मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। पनीरसेलवम ने आज कहा कि उन्हें विधायकों के बहुमत का समर्थन प्राप्त है और वह एक उपयुक्त समय पर इसे सदन में साबित कर देंगे।

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