कोलकाता: ममता सरकार के जेल मंत्री अखिल गिरि को महिला वन अधिकारी से दुर्व्यवहार करना महंगा पड़ गया है। पार्टी नेतृत्व ने उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को कहा है। मंत्री ने कहा है कि कल वह इस्तीफा दे देंगे। बता दें कि शनिवार को पूर्व मेदिनीपुर के ताजपुर समुद्र तट से अतिक्रमण हटाने से अखिल गिरि इस कदर आगबबूला हो गए थे कि उन्होंने एक महिला वन अधिकारी को जानवर, बेअदब तक कह डाला था और कहा था कि होश में नहीं पहने पर वह उन्हें डंडे से पीटेंगे।
भाजपा ने की थी गिरफ्तारी की मांग
इस घटना के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री से मंत्री की गिरफ्तारी के साथ उन्हें मंत्रिमंडल से निकालने की मांग की थी। बता दें कि बंगाल में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के 13 साल के शासनकाल में अखिल गिरि पहले मंत्री हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को कहा गया है।
टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने रविवार को बताया कि पार्टी नेतृत्व ने दुर्व्यवहार के मामले में जेल मंत्री अखिल गिरि को पूर्व मेदिनीपुर के कांथी रेंज की वन अधिकारी मनीषा साव से माफी मांगने को कहा है। अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने होगा।
माफी का सवाल ही नहीं, इस्तीफा दूंगा'
इसके बाद अखिल गिरि ने कहा कि तीखी नोकझोंक के दौरान आवेश में आकर उन्होंने महिला अधिकारी को कुछ गलत बातें कह दी थीं जो उन्हें नहीं कहनी चाहिए थी, लेकिन महिला अधिकारी से माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। वह सोमवार को विधानसभा में पार्टी नेतृत्व को इस्तीफा पत्र सौंप देंगे। इस दौरान वह मुख्यमंत्री के समक्ष अपना पक्ष भी रखेंगे।
यह थी घटना
गौरतलब है कि वन अधिकारी मनीषा साव शनिवार को जिले के ताजपुर समुद्र तट के वन क्षेत्र में अतिक्रमण हटा रही थीं, जो मंत्री अखिल गिरि को नागवार गुजरा। गिरि ने महिला अधिकारी से कहा कि आप सरकारी कर्मचारी हैं। बोलते वक्त सिर झुका कर बात करें। यही नहीं मंत्री ने यह कहकर धमकाया कि अगर आपने इस मामले में दोबारा दखल देने की कोशिश कीं तो वह यह सुनिश्चित करेंगे आप सही सलामत न लौट सकें।
मंत्री के खिलाफ आरोप दर्ज किए जाएं: भाजपा
दूसरी तरफ मंत्री के इस्तीफे पर भाजपा के राज्यसभा सदस्य शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि गिरि के खिलाफ सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा देने और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप दर्ज किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अखिल गिरि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के रंग-रूप पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, इसके बाद भी वह मंत्रिमंडल में बने रहे।