कोलकाता: ममता बनर्जी यदि 90 दिन में पश्चिम बंगाल में विधायक नहीं बनीं तो मुख्यमंत्री का पद उन्हें छोड़ना होगा। नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हारकर भी मुख्यमंत्री बनी ममता को 5 नवंबर तक उपचुनाव के सहारे विधायक बनना होगा। ऐसे में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चाहती है कि राज्य में जल्द उपचुनाव कराए जाएं। टीएमसी के मंत्रियों का एक दल शुक्रवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब से मिला और सात सीटों पर उपचुनाव के लिए प्रक्रिया तेज करने की अपील की। पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने यह जानकारी दी।
टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल ने आफताब से अनुरोध किया कि जल्द से जल्द से उपचुनाव के तारीख का एलान किया जाए, क्योंकि इस समय कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। चटर्जी ने कहा, ''हमने सीईओ से गुजारिश की कि चुनाव के लिए तारीख का एलान किया जाए और दो सीटों के लिए चुनाव और 5 विधानसभा सीटों के लिए जल्द से जल्द उपचुनाव कराए जाएं।''
चटर्जी ने कहा कि सीईओ ने उन्हें भरोसा दिया कि इसको लेकर काम जारी है। मुलाकात के बाद टीएमसी नेता ने कहा, ''विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया खत्म हुए करीब 3 महीने बीत चुके हैं। हमने जानना चाहा कि लंबित चुनाव और उपचुनाव के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।'' चटर्जी के अलावा इस प्रतिनिधिमंडल में सुब्रत मुखर्जी, चंद्रिमा भट्टाचार्य और शशि पांजा शामिल थे।