कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम में एनआरसी के खिलाफ उत्तरी कोलकाता में बृहस्पतिवार को एक रैली निकाली। अपनी पार्टी के सहयोगियों के साथ तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता ने दोपहर तीन बजे के करीब सिंथी मोड़ से शहर के उत्तरी हिस्से की ओर मार्च किया। रैली यहां से पांच किलोमीटर दूर श्यामा बाजार में खत्म होगी। एनआरसी की मुखर आलोचक तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने भाजपा पर इस कदम के जरिए लोगों को बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोगों को बांटने की कोशिश करने वाले आग से खेल रहे हैं।
ममता ने आगे कहा कि अगर भाजपा ने एनआरसी के नाम पर बंगाल में एक भी व्यक्ति को छुआ, तो हम उन्हें सबक सिखा देंगे। ममता ने कहा कि एनआरसी की अंतिम सूची से 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया। इसमें हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध लोग शामिल हैं। आज स्वतंत्रता को 76 साल बीत चुके हैं फिर भी हमें अपनी पहचान का प्रमाण देना पड़ रहा है। ऐसा क्यों? पार्टी ने एनआरसी को अद्यतन किए जाने के खिलाफ राज्य के अन्य हिस्सों में सात और आठ सितंबर को रैलियां निकाली थी।
असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का प्रकाशन 31 अगस्त को हुआ। कुल 3.29 करोड़ से ज्यादा आवेदकों में 19 लाख से ज्यादा लोग इस सूची से बाहर रह गए।
गौरतलब है कि इससे पहले ममता ने 6 सितंबर को प्रदेश की विधानसभा में कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनआरसी को लागू नहीं करने देंगे। मैंने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि वे इसकी अनुमति नहीं देंगे।