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कोलकाता: भारतीय सेना के उप प्रमुख मनोनीत लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवाने ने मंगलवार को कहा कि अगर चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवादित क्षेत्र में 100 बार अतिक्रमण किया है तो भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। उन्होंने दावा किया कि चीन ने डोकलाम गतिरोध के समय क्षेत्रीय दबंग की तरह काम किया। वर्तमान में पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ नरवाने ने कहा कि चीन को समझना चाहिए कि भारतीय सेना वैसी नहीं रही जैसी साल 1962 में थी। उन्होंने यहां भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स में ‘डिफेंडिंग अवर बॉर्डर्स’ पर संवाद के दौरान कहा, ‘डोकलाम गतिरोध से स्पष्ट संकेत मिला था कि भारतीय सशस्त्र बल कमजोर नहीं पड़े।’

'हमारी सेना अब 1962 वाली सेना नहीं'

जब पूर्व वायु सेना प्रमुख और चैंबर की रक्षा उप समिति के सदस्य अरूप राहा ने साल 1962 के युद्ध से मिले सबक और उसके बाद समस्याओं से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा, तो नरवाने ने कहा, ‘हम अब साल 1962 वाली सेना नहीं हैं। अगर चीन कहता है कि इतिहास मत भूलो तो हमें भी उन्हें यही बात कहनी है।’

 

उन्होंने कहा कि भारत साल 1962 से बहुत आगे निकल आया है और साल 2017 के डोकलाम गतिरोध के दौरान चीन की कोई तैयारी नहीं दिख रही थी। नरवाने ने कहा, ‘उन्होंने सोचा कि वे क्षेत्रीय दबंग बनकर निकल जाएंगे। लेकिन हम दादागिरी के सामने डटे रहे।’ उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी दुश्मन का मुकाबला करने में सक्षम हैं।

'डोकलाम पर साल भर चलती रहीं गतिविधियां'

उन्होंने कहा कि डोकलाम में गतिरोध के बाद कुछ गतिविधियों की खबरें सुनने में आई थीं। नरवाने ने कहा, ‘यह खबर भी पूरी तरह गलत नहीं है। दोनों तरफ गतिविधियां रहीं। जो साल भर चलती रही हैं, साल दर साल चलती रही हैं। उन्होंने दो नई बैरक बनाई हैं, हमने भी दो नई बैरक बनाई हैं।’ एलएसी पर चीन के उल्लंघन के मामले बढ़ने के संबंध में राहा के प्रश्न के उत्तर में नरवाने ने कहा, ‘अगर हम कहते हैं कि चीन विवादित क्षेत्र में 100 दफा आ चुका है तो हम भी 200 बार वहां गए हैं। तो, ऐसा नहीं सोचें कि यह एकतरफा है। मुझे लगता है कि वे भी अपने वार रूम में यही शिकायत कर रहे हैं कि हमने कई बार यह किया है।’

पूर्वी सैन्य कमान के कमांडर ने साल 1962 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत के लिए सेना की नहीं बल्कि राजनीतिक पराजय थी क्योंकि सेना की सभी इकाइयां डटकर लड़ी थीं। उन्होंने कहा, ‘जब भारतीय सेना की इकाइयों को डटकर लड़ने को कहा गया तो उन्होंने पूरे सम्मान के साथ खुद को पेश कर दिया।’

'किसी भी धमकी से नहीं डरता भारत'

लेफ्टिनेंट जनरल नरावने ने पाकिस्तान द्वारा बार-बार न्यूक्लियर क्षमता संपन्न होने की बात कहने पर कहा कि पाक ऐसा करता रहे लेकिन, भारत ऐसी किसी भी धमकी से नहीं डरता है। नरावने ने यह बात पाक प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा सोमवार को देश के नाम संबोधन में दो पड़ोसी देशों की न्यूक्लियर क्षमता पर दिए गए बयान पर कही। इमरान ने अपने संबोधन में कहा था, 'क्या बड़े देश केवल अपने आर्थिक फायदे ही देखते रहेंगे? उन्हें याद रखना चाहिए कि दोनों देशों के पास न्यूक्लियर हथियार हैं।' जम्मू-कश्मीर से भारत द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इमरान खान ने इसे लेकर कहा था कि वह इस मुद्दे को यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) समेत हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाएंगे।

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