कोलकाता: संसद में तीन तलाक बिल पास होने के बाद कई मुस्लिम नेताओं में इसे लेकर भारी नाराजगी है। कई मुस्लिम संगठनों की ओर से विरोध के सुरों के बीच पश्चिम बंगाल के मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने तीन तलाक कानून को लेकर नाराजगी जताते हुए इसे इस्लाम पर हमला करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है, यह इस्लाम पर हमला है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। जब केंद्रीय समिति की बैठक होगी, तब हम आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद तीन तालाक एक दण्डनीय अपराध हो गया है। सरकार का राज्यसभा में बहुमत नही होने के बाद भी यह विधेयक 84 के मुकाबले 99 वोटों से राज्यसभा में पारित हुआ था। इल दौरान जेडीयू, अन्नाद्रमुक, बसपा, टीआरएस जैसे दल सदन में मौजूद नहीं थे। इससे पहले 2014 में मोदी सरकार के कार्यकाल में तीन तलाक बिल लोकसभा में तीन बार पास होने के बावजूद राज्यसभा में खारिज हो चुका था, विधेयक आखिरकार मंगलवार को उच्च सदन में पास हुआ।
एक तरफ कई मुस्लिम महिलाएं इस कानून के पारित होने का जश्न मना रही हैं तो दूसरी ओर कई मुस्लिम संगठन इसका जमकर विरोध कर रहे है। मुस्लिम संगठन और नेता इसे इस्लाम पर हमला बता रहे हैं। ऐसे वक्त में ममता सरकार के मंत्री का ये विवादित बयान सामने आया है।