नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पश्चिम बंगाल भाजपा में शामिल होने वाली पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष को उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में गिरफ्तारी से मंगलवार को संरक्षण प्रदान कर दिया। न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि भारती घोष के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। न्यायालय ने इसके साथ ही मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिये स्थगित कर दी। भारती घोष ने गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध करते हुये शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।
याचिका में कहा गया था कि पश्चिम बंगाल सरकार ने उनके खिलाफ अब तक 10 प्राथमिकी दर्ज की हैं। उन्होंने याचिका में कहा था कि शीर्ष अदालत पहले ही उन्हें सात मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर चुकी है, परंतु राज्य सरकार ने अब उनके खिलाफ तीस नए मामले दर्ज किए हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने भारती घोष की याचिका का विरोध करते हुये कहा कि उनके खिलाफ स्पष्ट साक्ष्य हैं।
राज्य सरकार ने इस संबंध में घोष और उनके निजी सुरक्षा अधिकारी के बीच हुई बातचीत का विवरण भी पेश किया।