कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नादिया में विधायक सत्यजीत विश्वास की हत्या के आरोप को भाजपा नेता मुकुल रॉय ने खारिज करते हुए झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि बंगाल में कहीं भी टीएमसी के लोगों की हत्या होती है, तो वे लोग भाजपा के कार्यकर्ता या नेताओं पर आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसी राजनीति नहीं करती है। वह इस मामले में स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग करते हैं। मालूम हो कि नादिया जिले के कृष्णागंज से विधायक सत्यजीत विश्वास की शनिवार की रात गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। प्राथमिकी में मुकुल रॉय का नाम भी शामिल है।
पुलिस के अनुसार हमलावरों ने उनपर प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली चलाई थी। घटना के बाद इलाके में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है। विश्वास की कुछ दिनों पहले ही शादी हुई थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, वह मृदुभाषी और मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे। टीएमसी ने पुलिस से मामले में तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा है। विधायक की हत्या के बाद तृणमूल नेता शंकर दत्ता का आरोप है कि विश्वास की हत्या भाजपा ने साजिश के तहत करवाई है।
वहीं बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। वहीं राज्य के जेल मंत्री उज्जवल विश्वास ने टीएमसी विधायक की हत्या के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है।
कौन हैं मुकुल रॉय
मुकुल रॉय टीएमसी के पूर्व सांसद हैं। मनमोहन सरकार में वह रेल मंत्रालय का कार्यभार संभाल चुके हैं। ममता बनर्जी के साथ रिश्तों में आई खटास के बाद उन्होंने पिछले साल भाजपा का दामन थाम लिया था। शारदा चिटफंड मामले में भी उनका नाम आया था। ममता बनर्जी ने जब रेल मंत्री पद से इस्तीफा दिया था तब मुकुल रॉय को यह कार्यभार सौंपा गया था। 11 जुलाई 2011 को असम में हुए एक रेल दुर्घटना पर प्रधानमंत्री के कहने के बावजूद मुकुल रॉय दुर्घटनास्थल पर नहीं गए थे। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें रेल मंत्री पद देने की अनिच्छा ममता बनर्जी से जताई थी, इसके बाद ही दिनेश त्रिवेदी को रेल मंत्री बनाया गया था।