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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के विधायक सत्यजीत बिश्वास की शनिवार शाम नदिया जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना को अंजाब तब दिया गया जब वह एक सरस्वती पूजा के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। कृष्णगंज के 37 वर्षीय विधायक सत्यजीत बिश्वास की गोली मारकर हत्या 7:30 बजे के आसपास की गई जब वह कोलकाता से लगभग 140 किलोमीटर दूर फूलबाड़ी में कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। घटना के वक्त मंत्री रत्न घोष और नादिया तृणमूल कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष गौरीशंकर दत्ता भी मंच पर मौजूद थे।

घटना के कुछ ही मिनट बाद वे घटनास्थल से चले गए। जैसे ही बिस्वाश मंच से नीचे आए तो भीड़ के बीच खड़े अपराधियों ने उन्हें करीब से कई बार गोली मारी। घटना के बाद आरोपी मौके से भागने में सफल रहे। बिस्वाश को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। नदिया जिले के पुलिस अधीक्षक रूपेश कुमार ने कहा, '' हमने विधायक पर फायर करने के लिए इस्तेमाल की गई देशी रिवाल्वर बरामद कर है। तृणमूल नेताओं ने तुरंत भारतीय जनता पार्टी पर उंगली उठाई है।

तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया कि हाल ही में भाजपा नेताओं ने क्षेत्र में अशांति पैदा करने और तनाव पैदा करने का प्रयास किया था। सत्यजीत को खत्म करने के लिए योजना बनाई गई थी, जो भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि सत्यजीत मेरा एक प्रिय सहयोगी था। नादिया जिले के तृणमूल पर्यवेक्षक अनुब्रत मोंडल ने कहा कि घटना के पीछे भाजपा जिम्मेदार है। वे पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। ऐसा पहले बंगाल में नहीं हुआ। मैं कल सुबह 10 बजे तक घटनास्थल पर पहुंच जाऊंगा। उन्होंने कहा, 'राज्य में भाजपा के पास राजनीतिक जमीन नहीं है। इसलिए भाजपा ऐसी रणनीति का सहारा ले रही है।

जिला तृणमूल अध्यक्ष गौरीशंकर दत्ता ने कहा कि सत्यजीत विश्वास ने भाजपा को हराकर विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी। उनकी हत्या करने वालों ने भाजपा और उनके नेता मुकुल रॉय के निर्देशों के तहत काम किया। वह मेरे बेटे जैसा था। दत्ता ने यह भी कहा कि बिस्वास मतुआ समुदाय से जुड़े थे।

भाजपा बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मोंडल के आरोपों का खंडन किया और इस बात से इनकार किया कि उनकी पार्टी के किसी भी व्यक्ति के इस घटना से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने कहा कि बीरभूम जिले के तृणमूल पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मोंडल बीरभूम से नादिया तक हिंसा की इस संस्कृति का आयात कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए। सत्ताधारी दल के बैनर तले अपराधी एकजुट हो गए हैं। भाजपा के खिलाफ आरोप लगाने की प्रवृत्ति समाप्त होनी चाहिए।

भाजपा बंगाल इकाई के महासचिव सायंतन बसु ने आरोप लगाया कि बिस्वास की मृत्यु तृणमूल के गुटीय झगड़े का परिणाम हो सकती है। उन्होंने यहां तक कहा कि मामले में केंद्रीय एजेंसियों को तृणमूल नेताओं से पूछताछ करनी चाहिए। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले साल दिसंबर में आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल की देश में हुई राजनीतिक हत्याओं में 26% की हिस्सेदारी है। बंगाल में चुनावी रैलियों के दौरान, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया है कि पंचायत चुनावों के लिए नामांकन शुरू होने के बाद अप्रैल 2018 से बंगाल में राजनीतिक हिंसा में लगभग 70-80 लोग मारे गए थे।

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