कोलकाता: कोलकाता में रोजवैली और शारदा चिटफंड घोटाले की जांच से जुड़ी फाइलें गायब होने को लेकर कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंचे 15 सीबीआई अधिकारियों और स्थानीय पुलिस के बीच रविवार को टकराव हुआ। कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के सभी अधिकारियों को हिरासत में लिया। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी भी अपने अधिकारी के पक्ष में धर्मतल्ला इलाके में धरने पर बैठ गईं। मुख्यमंत्री, प्रदेश के डीजीपी और मेयर भी कमिश्नर के घर पहुंचे। इस पूरे घटनाक्रम के बाद ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जंग का एलान कर दिया। ममता बनर्जी का केंद्र सरकार के खिलाफ धरना जारी है।
चालीस करोड़ रुपये के शारदा चिट-फंड घोटाले में रविवार को कोलकाता पुलिस और सीबीआई में तनातनी के बाद कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद हो गया। इन सबने केंद्र सरकार को जमकर कोसा। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी रविवार रात को आठ बजे से ही केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं।
यह धरना उन्होंने राज्य के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को चिटफंड घोटाले के आरोप में गिरफ्तार करने के लिए आए सीबीआई अधिकारियों के विरोध में बैठी हैं। उनका कहना है कि यह संकट खत्म न होने तक उनका धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सोमवार को विधानसभा में राज्य का बजट पेश किया जाएगा। इससे पहले वह धरनास्थल के पास ही बने एक कमरे में मंत्रियों के साथ बैठक करेंगी और सदन को फोन से संबोधित करेंगी।
क्या हैं कानूनी पहलू
संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि सीबीआई के पास बंगाल में जांच करने का अधिकार नहीं है। 16 नवंबर 2016 को बंगाल सरकार ने दिल्ली पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत सीबीआई को दी गई मान्यता और सहमित को वापस ले लिया था। जिसके बाद से जांच एजेंसी बिना रोक-टोक राज्य में कोई कार्य नहीं कर सकती है। अब उसे कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति चाहिए। सीबीआई के पूर्व निदेशक एपी सिंह का कहना है कि सीबीआई अधिकारियों को हिरासत में लेना गलत है। मेरा मानना है कि इस तरह की कार्रवाई के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से बात करनी चाहिए थी। यदि सरकार अनुमति नहीं देती तो सीबीआई को किसी भी तरह के टकराव से बचते हुए कोर्ट के पास जाना चाहिए था।
यह हैं आगे के कानूनी विकल्प
सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने बताया कि केंद्र और राज्य की एजेंसियां एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हैं। यह एक संवैधानिक संकट है। ऐसे में कलकत्ता हाईकोर्ट चाहे तो संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत स्वत: संज्ञान ले सकता है। दोनों पक्षों के अधिकारों को हाईकोर्ट तय करेगा। संविधान विशेषज्ञ के मुताबिक यदि राज्य सरकार सीबीआई को रोकती है तो इससे कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी। ऐसे में केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य सरकार के शासन को खत्म करके वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है।
क्या है चिटफंड घोटाला
पश्चिम बंगाल से जुड़े शारदा ग्रुप ने 2013 में गलत तरीके से निवेशकों से पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया। शारदा ग्रुप पर करीब 10 लाख निवेशकों से 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी करने का अनुमान है। वहीं रोजवैली के अध्यक्ष गौतम कुंडु पर आरोप है कि उन्होंने चिटफंड योजनाओं के जरिये छोटे निवेशकों के साथ करीब 17,000 करोड़ रुपये की ठगी की है। माना जाता है कि इन दोनों कंपनियों के तार सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से भी जुड़े हुए हैं।
हाई प्रोफाइल हस्तियों से जुड़े हैं दोनों मामले
दोनों चिटफंड घोटालों की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में 11 जनवरी को सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। शारदा घोटाले में संलिप्तता के चलते तृणमूल नेता कुणाल घोष भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। रोज वैली चिटफंड घोटाले में शामिल होने के आरोप में टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय और तापस पॉल को सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है। शारदा के चेयरमैन सुदीप्त सेन हैं। सेन पर आरोप है कि उन्होंने कथित फ्रॉड करके फंड का गलत इस्तेमाल किया। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, मुख्तार अब्बास नकवी और भूपेंद्र यादव सहित भाजपा का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज पश्चिम बंगाल के मुद्दे पर चुनाव आयोग से मुलाकात करेगा।