कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस शनिवार को कोलकाता में संयुक्त विपक्ष की रैली का आयोजन कर रही है। इस रैली में विपक्षी दलों के तमाम नेताओं के जुटने की संभावना है। तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह रैली लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए मृत्यु-नाद की मुनादी होगी। भगवा पार्टी के कुशासन के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का संकल्प जताने के लिए कोलकाता के प्रतिष्ठित ब्रिगेड परेड मैदान में शनिवार को होने वाली इस रैली में 20 से अधिक विपक्षी दलों के शिरकत करने की उम्मीद है।
तृणमूल को उम्मीद है कि इस रैली से ममता ऐसे नेता के तौर कर उभरकर सामने आएंगी जो अन्य दलों को साथ लेकर चल सकती हैं और आम चुनावों के बाद सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती दे सकती हैं। विशाल विपक्षी रैली का आयोजन ममता की सोच का नतीजा है। उन्होंने गुरुवार को कहा था कि लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियां निर्णायक कारक साबित होंगी। उन्होंने कहा, भाजपा के कुशासन के खिलाफ यह संयुक्त भारत रैली होगी। यह भाजपा के लिए मृत्युनाद की मुनादी होगी। आम चुनाव में भगवा पार्टी 125 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी। राज्य की पार्टियों द्वारा जीती गई सीटों की संख्या भाजपा की तुलना में अधिक होगी।
उन्होंने दावा किया, संघीय पार्टियां यानी क्षेत्रीय पार्टियां चुनावों के बाद निर्णायक कारक साबित होंगी।
इन दलों के आने संभावना
विपक्षी रैली में दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी, आंध्र के सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के एमके स्टालिन के अलावा भाजपा के असंतुष्ट सांसद शत्रुघ्न सिन्हा शामिल होने वाले हैं। कांग्रेस की ओर से लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी रैली में हिस्सा लेंगे। बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, रालोद के अजित सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी भी मंच साझा करते दिखेंगे। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग भी इस रैली में शामिल होंगे। गेगांग ने मंगलवार को ही भाजपा छोड़ा था।
राहुल ने ममता के प्रति समर्थन जताया
तृणमूल कांग्रेस की रैली से एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी एकजुटता के ममता बनर्जी के प्रयास का समर्थन करते हुए शुक्रवार को उम्मीद जताई कि इस रैली से एकजुट भारत का शक्तिशाली सन्देश जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पूरा विपक्ष इस विश्वास के प्रति एकजुट है कि सच्चे राष्ट्रवाद और विकास की रक्षा लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता जैसे उन मूल्यों के आधार पर करनी है जिनको नरेंद्र मोदी सरकार नष्ट कर रही है। उन्होंने ममता को भेजे सन्देश में कहा, हम बंगाल के लोगों की सराहना करते हैं जो ऐतिहासिक रूप से हमारे इन मूल्यों की रक्षा करने में आगे रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं यह एकजुटता दिखाने पर ममता दी का समर्थन करता हूं और आशा करता हूं कि हम एकजुट भारत का शक्तिशाली सन्देश देंगे।
कुमारस्वामी के शपथ में दिखे थे बड़े चेहरे
2018 - 23 मई : एचडी कुमारस्वामी ने जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो उसमें यूपीए के तमाम सहयोगियों के अलावा कई अन्य विपक्षी नेता भी एक मंच पर दिखे थे। यहां बसपा की मायावती, कांग्रेस की सोनिया गांधी, सपा के अखिलेश यादव साथ नजर आए थे। यहां आरजेडी के तेजस्वी यादव, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, सीपीएम के महासचिव नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजित सिंह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पहुंचे थे।
कमलनाथ के शपथ ग्रहण में 10 दलों के नेता जुटे
2018- 17 दिसंबर : मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथ ग्रहण में विपक्षी नेताओं का जमावड़ा दिखाई दिया था। यहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ 10 राष्ट्रीय दलों के नेता एकजुट दिखे। इनमें राकांपा के शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू, लोजद के शरद यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन, द्रमुक के एमके स्टालिन, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, जेडीएस के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, राजद के तेजस्वी यादव, झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी भी थे।