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कोलकाता: आधारकार्ड के सर्वव्यापी बन जाने के बाद पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन ने बुधवार को कहा कि देश को अपनी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता है। बीसीसीआई एवं सीईएनईआरएस-के की ओर से साइबर सुरक्षा पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए नारायणन ने कहा कि साइबर हमले से प्रभावित होने के मामले में भारत शीर्ष पांच देशों में शामिल है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके नारायणन ने जोर देकर कहा, ‘देश डिजिटल युग की दहलीज पर खड़ा है और आधार कार्ड का इस्तेमाल हर रोज बढ़ रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘इसके कारण ऑनलाइन पहचान करना भी धीरे-धीरे आसान हो रहा है। एक बार मालवेयर में इस्तेमाल किया गया कोड अगर खुले बाजार में आ जाता है तो इसे दुनिया भर के हैकरों और देशों द्वारा खरीदा और दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। नारायणन ने यह भी कहा कि बढ़ती इंटरकनेक्टिविटी ने पारंपरिक परिधि को प्रभावी ढंग से ध्वस्त कर दिया है।

उन्होंने कहा कि साइबर हमलावरों ने बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई), ऊर्जा, शिपिंग, बिजली और अन्य सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के पूरे परिदृश्य में प्रवेश किया है। उन्होंने कहा, भारत में व्यापार इस लक्षित हमले का सबसे बड़ा पीड़ित है और ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ के आने से समस्यायें कई गुनी बढ़ गई हैं।

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