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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से दो टूक कहा है कि वो आयुष्मान भारत योजना से राज्य को अलग कर रही है। उन्होंने साफ कर दिया कि अगर केंद्र सरकार इस योजना को चलाना चाहती है तो उसे पूरी राशि देनी होगी। उन्होंने कहा, 'मेरा राज्य आयुष्मान योजना के लिए 40 फीसदी रकम का योगदान नहीं करेगा, अगर केंद्र इस योजना को चलाना चाहती है तो केंद्र को पूरी राशि देनी होगी। आयुष्मान योजना भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना है जिससे सरकार का दावा है कि यह पहली ऐसी योजना है, जिसके अंतर्गत 50 करोड़ से अधिक लोगों (10 करोड़ गरीब परिवारों) को 5 लाख रुपये तक का बीमा मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत 40 फीसदी रकम (हिस्सेदारी) राज्यों को देनी है।

केंद्र सरकार ने इसे विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना बताई थी। ममता ने पिछले साल के बजट में सरकार की घोषणा के बाद ही कहा था कि जब राज्य के पास पहले से इस तरह की स्कीम है तो दूसरी योजना पर क्यों खर्च करें। अगर हमारे पास संसाधन हैं तो हमारी अपनी योजनाएं हो।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल बजट पेश करते हुए नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम की घोषणा की थी जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की हेल्थ स्कीम की तर्ज पर 'मोदी केयर' भी बताया गया था। केंद्र सरकार ने इसे आयुष्मान भारत योजना का नाम दिया था। सरकार ने इस योजना के लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था जबकि अर्थशास्त्रियों के अनुसार इस पर 5,000 से 6,000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान था। इसलिए केंद्र सरकार ने राज्यों को 40 फीसदी रकम खर्च करने को कहा था।

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