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कोलकाता: कोलकाता में बृहस्पतिवार शाम को मेट्रो कोच में आग लग जाने की वजह से यात्रियों में भारी आतंक फैल गया। आग लगने से कोच में धुआं भर जाने की वजह से 16 यात्री बीमार हो गए। सभी घायलों को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में दाखिल कराया गया है। यह घटना रबींद्र सदन और मैदान स्टेशन के बीच हुई। सूत्रों ने बताया कि मैदान स्टेशन से आगे बढ़ते ही दमदम जाने वाले मेट्रो के इंजन के बगल वाले कोच में आग लग गई और डिब्बे में धुआं भरने लगा। जिससे यात्रियों में भारी आतंक फैल गया।

आग की जानकारी मिलते ही ट्रेन को रोक दिया गया। उसके बाद शीशा तोड़ कर यात्रियों को बाहर निकाला गया। मेट्रो यात्रियों ने रेलवे प्रबंधन पर गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि आग लगने के बावजूद ट्रेन आगे बढ़ती रही। ट्रेन रुकने के बाद भी आधे घंटे से ज्यादा समय तक कोई सहायता के लिए नहीं पहुंचा। बाद में यात्रियों ने खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। इससे धुआं बाहर निकला। इस बीच, धुएं की वजह से दम घुटने का कारण कई यात्रियों की तबियत बिगड़ गई। ऐसे 16 बीमार यात्रियों में से छह को अस्पताल में दाखिल कराया गया है।

 

मेट्रो रेलवे की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी इंद्राणी बनर्जी ने बताया कि आग की सूचना मिलते ही ट्रेन को फौरन रोक दिया गया और मेट्रो रेलवे के कर्मचारी आग बुझाने में जुट गए। उन्होंने बताया कि फायर ब्रिगेड और कोलकाता पुलिस के आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी सूचना दी गई। कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड के तीन इंजन भी मौके पर पहुंच गए।

मेट्रो यात्री ने सुनाई आपबीती

एक महिला यात्री ने बताया कि स्टेशन से ट्रेन आगे बढ़ते ही अचानक आग की लपटें नजर आईं और कोच में धुआं भरने लगा। धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कत होने लगी। बार-बार फोन करने के बावजूद मेट्रो रेलवे के कर्मचारी सहायता के लिए नहीं पहुंचे। आधे घंटे से ज्यादा समय तक भीतर फंसे होने के बाद यात्रियों ने कोच की खिड़की के शीशे तोड़ दिए। उसके बाद लोगों को बाहर निकाला गया।

इंद्राणी बनर्जी ने बताया कि यात्रियों के आरोप की जांच की जाएगी। लेकिन राहत की बात यह है कि किसी यात्री की जान को कोई नुकसान पहुंचा और सबको सुरक्षित निकाल लिया गया। बचाव कार्य में देरी के सवाल पर उनका कहना था कि पहले बाहर से आग बुझाई गई। उसके बाद ही यात्रियों को बाहर निकाला गया।

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