दार्जिलिंग: सत्ता में आते ही विनय तमांग ने सुर बदल लिया है। विनय तमांग ने दार्जिलिंग के सांसद एसएसअहलुवालिया सहित अन्य भाजपा नेताओं को पहाड़ चढ़ने से पहले अलग राज्य गोरखालैंड मुद्दे पर पार्टी व केंद्र सरकार का पक्ष साफ करने की हिदायत दी है।
साथ ही गोरखालैंड के खिलाफ बयानबाजी करने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सांसद एसएस अहलुवालिया व भाजपा के राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष से माफी मांगने की मांग की है।
गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) की बागडोर संभाले अभी महीना भर भी नहीं हुआ कि विनय तमांग ने अपना सुर बदल लिया है। कभी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) प्रमुख विमल गुरुंग का दाहिना हाथ माने जाने वाले विनय तमांग गोरखालैंड आंदोलन के दौरान भाजपा के पक्ष में व तृणमूल राज्य सरकार के खिलाफ आग उगल रहे थे। जबकि जीटीए की कुर्सी मिलने के साथ ही उन्होंने राज्य सरकार के सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिया है।
उन्होंने भाजपा के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है। सोमवार को जीटीए कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा को कड़ी धमकी दी है। उन्होंने कहा कि पहाड़ चढ़ने से पहले सांसद व भाजपा के अन्य नेता अलग राज्य गोरखालैंड मुद्दे पर अपना पक्ष साफ कर लें। गोरखालैंड मुद्दे पर पक्ष साफ किये बगैर भाजपा नेताओं के पहाड़ आने पर होनी वाली अनचाही घटनाओं की जिम्मेदारी उनकी होगी।
तमांग ने आगे कहा कि वर्ष 2014 और 2017 के लोकसभा चुनाव में गोरखालैंड मुद्दे पर ही पहाड़वासियों ने भाजपा को समर्थन दिया था। भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में गोरखाओं की मांग का जिक्र भी किया गया है। जबकि अब तक इस मुद्दे पर भाजपा का पक्ष साफ नहीं है।