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दार्जीलिंग: पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र दार्जीलिंग में बुधवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने अपना अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले लिया गया। इससे साढ़े तीन महीने (104 दिन) से बंद की मार झेल रहे क्षेत्र में जनजीवन पटरी पर लौट आया। पहाड़ की रानी के नाम से लोकप्रिय यह शहर आंदोलन केा फिलहाल रोके जाने की खबर फैलते ही मानो फिर से जीवंत हो गया। सभी वर्गों के लोग सड़कों पर निकल आये।

दार्जीलिंग में जनजीवन के सामान्य होने की खुशियां मनाने लगे। सुबह से सभी दुकानें और बाजार फिर से खुल गये। जीजेएम ने अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर 15 जून को शुरू हुए इस आंदोलन को मंगलवार की रात रोक दिया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अपील के जवाब में बुधवार सुबह छह बजे यह हड़ताल खत्म कर दी गयी।

एक बयान में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा था कि किसी भी समस्या को सुलझाने का एकमात्र रास्ता एक लोकतांत्रिक संवाद ही है। समाधानों को केवल कानूनी सीमा में रहकर किये गये परस्पर और संयमित संवाद के जरिये ही ढूंढ़ा जा सकता है।

उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव से एक अधिकारीस्तरीय बैठक बुलाने को भी कहा, जहां सभी संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जायेगी।

पहाड़ी क्षेत्र की कई पार्टियों ने यहां के लोगों को दुर्गा पूजा की बधाईयां दी और कई गैर सरकारी संगठनों ने मिठाईयां एवं चॉकलेट का वितरण किया। बसों और अन्य वाहनों ने यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाया और सामान्य सेवाएं शुरू हो गयीं। यात्रा संचालकों और होटल के मालिकों ने उम्मीद जतायी कि पर्यटन व्यापार भी बहुत जल्द यहां वापस लौटेगा।

अज्ञात जगह से जारी एक ऑडियो क्लिप में पिछले महीने से फरार जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुंग ने पहाड़ी क्षेत्र के निवासियों से यातायात सेवा शुरू करने, दुकानें, स्कूल और कॉलेजों को फिर से खोलने की अपील की। संदेश में उन्होंने लोगों को इस उत्सवी मौसम की बधाई भी दी। गुरुंग के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामले दर्ज किये गये हैं। इनके खिलाफ एक लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है।

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