पटना: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट के लिए सभी 9 दोषियों में से चार को फांसी और दो को उम्र क़ैद, दो को दस साल और एक को सात वर्ष को सजा सुनाई है। गौरतलब है कि बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान छह लोगों की जान गई थी। उस दिन छह बम विस्फोट में छह लोगों की जान गयी थी और 89 लोग घायल हुए थे। इस घटना को इंडियन मुज़ाहिदन के रांची मॉड्यूल ने अंजाम दिया था।
गौरतलब है कि गांधी मैदान में वर्ष 2013 में हुए बम धमाकों के मामले में विशेष अदालत ने नौ अभियुक्तों को बुधवार को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी घोषित कर दिया था। विशेष लोक अभियोजक ललन सिंह ने बताया था कि एनआईए अदालत के विशेष न्यायाधीश गुरविंदर मल्होत्रा ने 2013 को गांधी मैदान में सिलसिलेवार ढंग से हुए बम धमाकों मामले में इम्तेयाज अंसारी, मुजीबुल्लाह, हैदर अली, फिरोज असलम, नोमान अंसारी, इफ्तिखार, अहमद हुसैन, उमेर सिद्दिकी एवं अजहरुद्दीन दोषी करार दिया था।
जबकि साक्ष्य के अभाव में फखरुद्दीन को बरी घोषित किया था। इस मामले में एनआईए ने 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। जिनमें से एक अभियुक्त की उम्र कम होने के कारण उसका मामला किशोर अदालत में हस्तांतरित हो गया था। बाकी बचे दस अभियुक्तों के खिलाफ एनआईए अदालत में सुनवाई चली थी।