नई दिल्ली: बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर जदयू के सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह से मिले हैं। जदयू के राष्ट्रीय प्रेसिडेंट ललन सिंह ने कहा कि हम लोगों की मांग शुरू से रही है जाति आधरित जनगणना की और बिहार की विधानसभा ने दो बार 2019 और 2020 में और 2020 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार को भेजा है। उसमें भाजपा और राजद और हमारी पार्टी भी रही। पहले हमने पीएम से समय मांगा था तो उनके यहां से सूचना आई कि गृहमंत्री से मिलकर ज्ञापन दें। हमारे लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य उनसे मिले हैं. गृहमंत्री ने कहा है कि इस पर चर्चा करेंगे।
ललन सिंह ने आगे कहा कि हमारी मांग जाति आधारित जनगणना की है। 1931 में जाति के आधार पर जनगणना हुई उसके बाद आज तक नहीं हुई। अब जो दावे होते है उसको जोड़ लिया जाए तो हिंदुस्तान की आबादी तीन गुना हो जाएगा। किसी वर्ग के लिए नीति बनाते है इसलिए भी यह जानना जरूरी है। हम नहीं जानते है कि भाजपा के नेता सहमत हैं या नहीं, लेकिन बिहार की विधानसभा ने 2019 और 2020 में दो बार प्रस्ताव किया है और सर्वसम्मति से किया है। उसमें भाजपा भी शामिल थी।
इससे पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को एक बार फिर दोहराया कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए और सोमवार को इस सम्बंध में एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखेंगे और उनसे इस मुद्दे और बिहार के सभी दलों के सदस्यों के साथ मिलने का समय भी मांगेंगे। उन्होंने यह बात दिल्ली से बिहार लौटते वक्त कही।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में कोई मतभेद नहीं हैं और सब एकजुट हैं। जहां तक ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का सवाल हैं वो समता पार्टी के स्थापना से सक्रिय रहे हैं। बता दें, जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। ललन सिंह ने आरसीपी सिंह की जगह ली है। आरसीपी सिंह ने केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री बनने के बाद जद(यू) अध्यक्ष पद छोड़ दिया था।