पटना: बिहार में वरिष्ठ आईएसएस अधिकारी सुधीर कुमार आज फिर एससी-एसटी थाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मुख्यमंत्री सचिवालय के कई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे। सुधीर कुमार दरअसल कई वर्षों तक राज्य कर्मचारी चयन आयोग में अध्यक्ष थे। परीक्षा में धांधली के मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया था और कई वर्ष तक न्यायिक हिरासत में रहे। आज सुधीर कुमार ने कहा कि उनके शिकायत पत्र को ले लिया गया, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इस बीच विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी इस मामले में कूदे और उन्होंने कहा कि ये गंभीर मामला है और सुधीर कुमार की शिकायत की जांच होनी चाहिए।
सुधीर कुमार की एफआईआर दर्ज न होने पर बिहार विधानसभा के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ''ये मुख्यमंत्री के इशारे पर हो रहा है। मुख्यमंत्री जी के यहां दस्तावेज पहुंच रहे हैं। कम्पलेंट हटा दी जाती है। कोई न कोई बात तो है, आखिर क्या कारण है? कोई न कोई कारण तो होगा। अगर मुख्यमंत्री ईमानदार होते, तो मेरी तरह बोलते। जांच करा दीजिए, क्या दिक्कत है?''
तेजस्वी यादव ने कहा कि ''राज्य के मुख्यमंत्री पर आरोप लग रहे हैं और फिर भी लोग खामोश हैं। यह अद्भुत है। मंत्री से लेकर बड़े अधिकारी तक कुछ न कुछ तो गड़बड़ है। तभी तो कार्रवाई नहीं हो रही है, तभी तो एफआईआर नहीं हो रही है। जब चीफ सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी की एफआईआर नहीं ली जा रही है, तो आम नागरिकों का क्या हाल होता होगा। लोग आते हैं, कहते हैं कि हमारे साथ नाइंसाफी हो रही है, कोई कम्पलेंट नहीं ले रहा। आप कल्पना नहीं कर सकते, ऐसा भय का वातावरण है।''
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुधीर कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं दोपहर 12 बजे से इंतजार कर रहा हूं लेकिन अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। मुझे केवल थाने से एक रसीद मिली है। यह मामला धोखाधड़ी और फर्जी कागजात बनाने और सीएम नीतीश कुमार और अन्य के खिलाफ सबूतों से संबंधित है। उन्होंने कहा कि बिहार में तानाशाही चल रही है। मुख्य सचिव रैंक का अधिकारी साक्ष्य के साथ थाने में एफआईआर दर्ज करने जाता है, मगर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है। सीएम नीतीश कुमार सुशासन की दुहाई देते हैं जबकि सीएम और उनके अधिकारियों पर आरोप लगता है तो थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किया जाता है। सुधीर कुमार ने कहा कि मेरे आरोप में क्या सच्चाई है, जनता के सामने आना चाहिए। सीएम क्यों छुपे हुए हैं? मुझे क्यों थाने में पांच-छह घंटे बैठाया गया?
आईएएस सुधीर कुमार ने कहा कि सीएम पर एफआईआर क्यों नहीं हो रहा है? इस सरकार में ईमानदार लोगों को डराने धमकाने का काम हो रहा है। भ्रष्ट लोगों को जिम्मेदारी दी गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि सीएम के पास न तो नैतिकता बची है और न ही अंतरात्मा। उन्होंने कहा कि यह सीएम पद की गरिमा का सवाल है। सीएम अपना स्पष्टीकरण दें। मुख्यमंत्री अगर इस घटना में ईमानदार होंगे तो जनता के सामने अपनी बात रखेंगे।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता ने कहा कि ''हम तो चाहेंगे कि मुख्यमंत्री आकर स्पष्टीकरण दें, क्या आरोप हैं। मुख्यमंत्री पर आरोप है। मुख्यमंत्री के पद की गरिमा का सवाल है। इसलिए उनको जवाब देना चाहिए। यह बहुत गंभीर मसला है, हम लोग विचार करेंगे कि क्या करना चाहिए। इसमें तो मुख्यमंत्री को स्पष्टीकरण देना ही पड़ेगा।''