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नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) ने कृषि कानूनों को फौरन रद्द करने की मांग की है और कहा है कि यह कानून केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि किसान सड़कों पर उतरकर इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे समझ गए हैं कि इससे उन्हें क्या और कितना नुकसान होगा। कुशवाहा ने कहा कि यह लड़ाई किसान बनाम पूंजीपतियों की है और सरकार पूंजीपतियों के साथ खड़ी है।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने यह जानकारी दी है। कुशवाहा ने कहा कि बिहार में किसानों को इन कानूनों से होने वाले नुकसान की जानकारी देने के लिए रालोसपा किसान चौपाल लगाएगी। कुशवाहा ने गणतंत्र दिवस पर लाल किले में जो भी हुआ, उसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर है। उन्होंने कहा कि लाल किले जैसे सुरक्षित स्थान पर हुड़दंगी कैसे दाखिल हो गए, इसका जवाब सरकार को देना होगा।

उन्होंने कहा कि दरअसल किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश केंद्र सरकार ने रची थी और हुड़दंगियों को लाल किले में प्रवेश करने की छूट दे दी गई थी। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।

मल्लिक ने बताया कि किसान चौपाल दो फरवरी को अमर शहीद जगदेव जयंती के दिन से शुरू होगी और 28 फरवरी तक चलेगी। मल्लिक ने बताया कि दो फरवरी को अमर शहीद जगदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सभी जिला मुख्यालयों पर तीनों कानूनों की प्रतियां जलाई जाएगी और फिर पूरे महीने चौपाल लगाया जाएगा। पार्टी उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में 10,000 से ज्यादा गांवों में चौपाल लगाएगी और इसके अलावा गांव-गांव में 25 लाख से ज्यादा किसानों के घरों में जाकर उन्हें इन काले कानूनों की जानकारी देगी।

फजल मल्लिक ने बताया कि केंद्र सरकार इन कानूनों के जरिए पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है और पार्टी इसकी जानकारी किसानों को देकर केंद्र सरकार की नीयत को उजागर करेगी। कुशवाहा ने कहा कि किसान आंदोलित हैं और बता रहे हैं कि इससे उनका क्या-क्या नुकसान होगा। लेकिन सरकार यह नहीं बता रही है कि इसके क्या फायदे हैं। कुशवाहा ने इन काले कानूनों को अविलंब वापस लेने की अपनी मांग दोहराई। पटना में किसान चौपाल की शुरुआत उपेंद्र कुशवाहा करेंगे। वह दो फरवरी को काले कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध जताएंगे।

 

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