पटना: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने ट्वीटर पर केंद्रीय मंत्री रामविलास के निधन पर शोक प्रकट किया। कहा कि रामविलास भाई के असामयिक निधन का दुःखद समाचार सुनकर अति मर्माहत हूं। विगत 45 वर्षों का अटूट रिश्ता और उनके संग लड़ी तमाम सामाजिक, राजनीतिक लड़ाइयां आंखों के सामने तैर रही है। याद करते हुए लालू ने कहा कि रामविलास भाई, आप जल्दी चले गए। इससे ज़्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं।
लोजपा के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार देर शाम दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में निधन हो गया। उनके पुत्र और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा... पापा अब आप इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है, आप जहां भी हैं, हमेशा मेरे साथ हैं। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।
खगड़िया के शहरबन्नी गांव में एक साधारण परिवार में जन्मे रामविलास पासवान ने छात्रसंघ से राजनीति में कदम रखा था। वह जेपी आंदोलन में भी बिहार में मुख्य किरदार थे। वे देश के दलितों की हित के लिए संघर्ष करते रहे। मृदुभाषी होने के कारण सभी के दिल में उनके लिए जगह थी। पहली बार वर्ष 1969 में वह विधायक बने। वर्ष 1977 में पहली बार मतों के विश्व रिकॉर्ड के अंतर से जीतकर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। केंद्र में एनडीए की सरकार हो या यूपीए की, उनका महत्व समान रूप से बना रहा।
राबड़ी- तेजस्वी ने शोक प्रकट किया
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर राजद नेताओं ने शोक प्रकट किया है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने केन्द्रीय मंत्री के निधन पर शोक प्रकट किया। कहा कि वे देश के स्थापित राजनेता थे। उनके निधन के समाचार को जान कर हम सब अत्यंत दुखी एवं मर्माहत हैं। उनका संबंध हमारे परिवार से बहुत गहरा और निकट का था। वे हमसब के अभिभावक के समान थे। उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। राजद नेता और रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट किया। कहा कि उनका जाना मेरे लिए सबसे गहरा आघात है। वे इस कदर इतनी जल्दी इस दुनिया से विदा लेंगे, इसका अंदेशा नहीं था।