नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद किया। आज उन्होंने पहली वर्चुअल रैली 'बिहार जनसंवाद' को संबोधित किया। उन्होंने भाषण की शुरुआत करते हुए कोरोना जंग में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कोरोना वॉरियर्स को सलाम किया।
अमित शाह ने कहा- बिहार की भूमि से सबसे पहले दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव हुआ। महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। जिसने अफगानिस्तान से लंका तक अखंड भारत के सपने को साकार किया। बुध और महावीर, चंद्रगुप्त और चाणक्य की इस भूमि ने इस भारत का नेतृत्व किया है। जब कभी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलावड़ हुआ, बिहार से ही बिगुल फूंका गया। जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल से लोकतंत्र का गला घोंटा तो बिहार ने ही जेपी के नेतृत्व में आंदोलन करके लोकतंत्र को बहाल किया। जॉर्ज साहब और राममनोहर लोहिया जी की भी यही कर्मभूमि है। बिहार ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी और सामाजिक न्याय के झंडे को बुलंद किया।
शाह ने कहा, अभी कुछ लोगों ने थाली बजाकर रैली का स्वागत किया। मुझे अच्छा लगा देर सवेर उन्होंने मोदी जी की अपील को माना और कोरोना के खिलाफ थाली बजाकर जंग में जुड़ गए। कुछ लोगों ने इसे बिहार की चुनावी सभा कहा। मैं सबसे कहना चहता हूं कि इसका चुनाव से संबंध नहीं है। भाजपा जनसंवाद में विश्वास रखती है।
दिल्ली में पार्टी कार्यालय में बनाए गए मंच पर पहुंचने से पहले अमित शाह ने हाथों को सैनिटाइज किया। पटना में मौजूद नेताओं ने शाह का जोरदार स्वागत किया।
सुशील मोदी ने कहा- पीएम ने समय रहते लॉकडाउन से लाखों लोगों को बचाया
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने समय रहते लॉकडाउन घोषित करके लाखों लोगों की जान बचा ली। पीएम ने दुनिया को दवाएं दीं तो देश में करीबों को अनाज और खाते में नकदी दी। नरेंद्र मोदी यदि चीन से आंख से आंख मिलाकर बात करना जानते हैं तो बिहार की 2 करोड़ करीब महिलाओं के खातों में पैसा पहुंचाना भी जानते हैं। हमारे लाखों श्रमिकों भाइयों को घर पहुंचाना चुनौती थी। पीएम मोदी की सरकार ने 1500 से ज्यादा ट्रेनें चलाकर 21 लाख लोगों को घर पहुंचाया। कोटा से विद्यार्थियों को लेकर आए। बिहार में 14 लाख लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया। जिन्हें थाली, कपड़े से लेकर सभी को एक हजार रुपए का जरूरत का सामान और 1 हजार रुपए नकदी दे रहे हैं।
लालूवाद बनाम विकासवाद की लड़ाई
सुशील मोदी ने कहा- विपक्ष कह रहा है कि उनका सिद्धांत लालूवाद है। एनडीए का सिद्धांत विकासवाद है। लालूवाद प्रतीक है अपहरण का, पलायन का, नरसंहार का, अंधेरे का, घोटाले, भ्रष्टाचार, चरवाहे विद्यालय का। यह लालूवाद बनाम विकासवाद की लड़ाई। इस कैंपेन से हड़कंप मच गया है। विपक्ष थाली बजा रहा है। जब रियल रैली होगी तो थाली नहीं इनकी छाती फट जाएगी।
यह रैली पूरी तरह से डिजिटल है। लेकिन पार्टी ने इसे वास्तिवक रैली में बदलने के लिए भरपूर इंतजाम किया है। भाजपा का दावा है कि देश में पहली बार किसी राजनीतिक दल द्वारा इस तरह की डिजिटल रैली हो रही है। इसको बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देजनर भाजपा द्वारा कार्यकर्ताओं से संपर्क साधने का विधिवत प्रारंभ भी माना जा रहा है।
बिहार चुनाव के मद्देनजर इस रैली को अहम माना जा रहा है। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि अमित शाह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर केंद्र की उपलब्धियों पर विस्तार से अपनी बात रखेंगे। भाजपा कार्यालय में वर्चुअल रैली के लिए सजे मंच पर बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, सुशील मोदी, अध्यक्ष संजय जायसवाल, मंत्री मंगल पांडेय, नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार मौजूद हैं।
आरजेडी का विरोध
बिहार में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ऑनलाइन रैली से कुछ घंटे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध जताते हुए थाली पीटी और शंख बजाए। राजद नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा की रैली को कोविड-19 और लॉकडाउन से हुए विनाश का सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा उत्सव करार दिया। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10, सर्कुलर रोड आवास के बाहर बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता जमा हुए जहां खुद राबड़ी, उनके दोनों पुत्र तेजस्वी तथा तेज प्रताप यादव और अन्य पार्टी नेता चम्मच से थाली बजा रहे थे। वे सभी वहां बनाए गए गोलों के अंदर खड़े होकर सामाजिक दूरी प्रदर्शित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास से कुछ कदमों की दूरी पर स्थित प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पास में ही भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का भी आवास है जिनकी महामारी से निपटने के तरीके को लेकर विपक्ष आलोचना कर रहा है।