नई दिल्ली: बिहार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के दायरे से बाहर चौदह लाख से अधिक लाभार्थियों के मुद्दे पर प्रदेश और केंद्र सरकार में टकराव बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार के खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर एनएफएसए के दायरे से बाहर लोगों की सूची भेजने का आग्रह किया है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार के खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में एनएफएसए के लाभार्थियों की संख्या 8 करोड़ 71 लाख होनी चाहिए। पर प्रदेश सरकार ने 2016 में लाभार्थियों की सूची उपलब्ध कराई है, उसमें सिर्फ 8 करोड़ 57 लाख है। ऐसे में 14 लाख लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है।
बिहार सरकार ने केंद्र को पीएमजीएवाई के तहत सात करोड़ लाभार्थियों के लिए खाद्यान्न की मांग की थी। खाद्य मंत्रालय ने 22 अप्रैल को ही इसको मंजूरी दे दी थी। पर अभी तक बिहार सरकार ने इन सात लाख लाभार्थियों की सूची भी नहीं भेजी है। ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे से बाहर 14 लाख लाभार्थियों की सूची शीघ्र पोर्टल पर डालने कष्ट करे।
देश के 17 राज्यों में शुरू हुई एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना
देश के 17 राज्यों में रहने वाले लोग एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना का लाभ उठा सकते हैं। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने एक केंद्र शासित प्रदेश सहित पांच राज्यों को इस योजना में जोड़ने को मंजूरी दे दी है। इन पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, और दमन-दीव शामिल हैं।
रामविलास पासवान ने कहा कि 17 राज्यों व केद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले करीब साठ करोड़ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लाभार्थी एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना का लाभ ले सकते हैं। इन लाभार्थियों को योजना में शामिल किसी भी प्रदेश में अपने राशनकार्ड पर किसी भी उचित दर दुकान से अपने पात्रता के कोटे का खाद्यान्न ले सकते हैं। अभी तक एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड योजना एक दर्जन राज्यों में जारी थी। इनमें आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा शामिल हैं।