पटना: बजट सत्र के चौथे दिन नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार विधानसभा में गुरुवार को जाति आधारित जनगणना कराने के पक्ष में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि 2021 में जनगणना जाति आधारित हो। मुख्यमंत्री लंबे समय से जाति आधारित जनगणना की मांग करते रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार का साथ दिया है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सदन में अपील की थी कि नई जनगणना होने वाली है। जिसमें जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। एक बार फिर से सदन इस आशय का प्रस्ताव पारित करे।
1931 के बाद नहीं हुई जाति आधारित जनगणना
21 जनवरी 2019 को लोकसंवाद में नीतीश कुमार ने कहा था कि किस जाति के कितने लोगों की कितनी संख्या है, यह मालूम होना चाहिए। देश में जनसंख्या के अनुरूप आरक्षण का प्रावधान हो, इससे अच्छी बात कोई नहीं हो सकती।
देश में 1931 के बाद जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है। जनगणना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और धर्म के आधार पर हुई है। इसी तर्ज पर 2021 में सभी जातियों की जनगणना होनी चाहिए। जनगणना के समय लोगों से उनकी जाति पूछनी चाहिए। सभी जाति की वास्तविक संख्या का पता लगना चाहिए। जिससे सरकार को योजना बनाने में आसानी होगी।