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पटना: बजट सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। बुधवार को पहली पाली की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य नियोजित शिक्षकों को समान वेतन देने और उन पर हो रही बर्खास्तगी की कार्रवाई को वापस करने की मांग को लेकर वेल में जमकर नारेबाजी की। सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी सदस्यों से लगातार शांत होने और अपनी सीट पर जाने की अपील करते रहे पर कोई असर नहीं हुआ। शोरशराबे के कारण सदन की कार्यवाही 24 मिनट ही चल सकी। हंगामे के आसार सभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही दिखने लगी थी। विधानसभा परिसर में राजद, कांग्रेस, वामदलों के विधायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभाध्यक्ष ने राजद विधायक अब्दुल बारी सिद्दिकी को अल्पसूचित प्रश्न पूछने को कहा। इसी क्रम में कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह, राजद के ललित यादव और माले के सत्यदेव राम, महबूब आलम ने नियोजित शिक्षकों का मामला उठाया। कार्यस्थगन का हवाला देते हुए सदस्य सभा की सभी गतिविधियों को रोककर तत्काल नियोजित शिक्षकों की समस्याओं पर चर्चा कराने की मांग करने लगे।

इस पर सभाध्यक्ष ने कहा कि कार्यस्थगन प्रस्ताव के लिए समय और नियम तय है। नियमावली के अनुसार अगर सूचना दी जाएगी तो आसन उसे सुनेगा और सरकार उसका जवाब भी देगी। लेकिन, विपक्षी सदस्य नहीं माने और वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विपक्ष के अधिकतर सदस्य वेल में थे लेकिन इसी दौरान सभाध्यक्ष ने सिद्दिकी के सवाल का जवाब श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा को देने के लिए कहा। शोरशराबे के बीच ही श्रम मंत्री ने सरकार की ओर से उत्तर दिया।

शोरशराबे के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विपक्षी पार्टियों में आपसी कलह है। जिन विधायकों ने सवाल पूछे हैं, उसी दल के अन्य सदस्य नहीं चाहते कि उनके सवाल का जवाब सरकार दे। इसलिए प्रश्नकाल को बाधित किया जा रहा है। सदन संचालन की नियमावली तय है। सभाध्यक्ष की अपील काम न आई तो उन्होंने 16 मिनट के बाद दिन के 12 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

दुबारा 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सदस्य वेल में आ गए। हालांकि इस दौरान शून्यकाल चलता रहा। इसके बाद ध्यानाकर्षण में पहला सवाल अब्दुल बारी सिद्दिकी ने नहीं पूछा जबकि शत्रुघ्न तिवारी के सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री ने 28 फरवरी को उत्तर देने की जानकारी दी। आठ मिनट बाद सभा की कार्यवाही दिन के दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

शोरशराबे के बीच कई बार हास-परिहास की भी स्थिति बनी। सभाध्यक्ष जैसे ही कहते कि सभा की कार्यवाही... लगता कि अब सदन स्थगित हो जाएगा। लेकिन सभाध्यक्ष इसके बाद कहते कि आप लोग सदन चलने दीजिएगा या नहीं। विपक्षी सदस्य हाथ में तख्तियां लिए हुए थे। सदस्यों से तख्तियां हटाने के लिए कई बार सभाध्यक्ष यह कहते नजर आए कि शब्द गलत लिखे गए हैं, जांच कर लीजिए। शोरशराबे के बीच ही कांग्रेस विधायक शकील अहमद सहित कई विपक्षी सदस्य सरकार के मंत्रियों और सत्तापक्ष के सदस्यों के साथ अभिवादन भी करते देखे गए।

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