नई दिल्ली: बिहार और असम में बाढ़ के कहर ने कई लोगों की जान ले ली और करोड़ों लोगों को घर से बेघर कर दिया। केवल असम में ही बाढ़ से 600 से ज्यादा गांव डूब चुके हैं और बिहार में लाखों लोग आशियाना ढूंढ रहे हैं। बिहार में पिछले 24 घंटों में विभिन्न इलाकों में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 14 हो गई जिससे इस मानसूनी बारिश में यह आंकड़ा बढ़कर 92 तक पहुंच गया है। राज्य में राहत और पुनर्वास अभियान पूरी क्षमता से चलाये जा रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 180 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि वाला एक अभियान शुरु किया। जिसके अंतर्गत प्रभावित लोगों को प्रत्यक्ष धन अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सहायता दी जाएगी।
अकेले असम में ही शुक्रवार को 11 मौतों के साथ राज्य में मरने वालों की संख्या 47 पहुंच गई। प्रदेश के 33 में से 27 जिलों के 48.87 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। 755 राहत शिविरों व 304 राहत वितरण केंद्रों में शरण लिए हुए हैं। कई लोग राहत व बचाव कार्य में लापरवाही का भी आरोप लगा रहे हैं। वित्त मंत्री हेमंत विश्व सरमा ने कहा कि शायद प्रशासन बाढ़ की विभीषिका का अंदाजा नहीं लगा सका, इसलिए कुछ जिलों के राहत शिविरों में सामग्री कम पड़ गई।
असम में कुल 1.79 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न थी और लगभग 90 प्रतिशत राइनो निवास स्थान- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में पानी भरा हुआ है। इसी तरह पंजाब के मालवा में बठिंडा समेत कई इलाकों में बारिश ने विकराल रूप धारण किया।