इंदौर: जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर की जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने जो आजादी देश के अन्य हिस्सों में लोगों को दिलाई है, वही आजादी कश्मीर के लोगों को भी हासिल है। पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं से बंदूक छोड़ने तथा धरती के इस स्वर्ग की जमीन को लाल करने के बजाय हरियाली से परिपूर्ण कर देने का आह्वान किया। क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की जन्मभूमि पर भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं जयंती के अवसर पर एक आमसभा में प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश की आजादी के दीवानों ने जो ताकत हिन्दुस्तान को दी, वही ताकत कश्मीर को भी दी है। जो आजादी हिन्दुस्तान अनुभव करता है, वही आजादी कश्मीर को भी है।' उन्होंने कहा, 'कश्मीर, हमारे देश हिन्दुस्तान का स्वर्ग है. कश्मीर जाना हर देशवासी का सपना होता है. पूरा हिन्दुस्तान कश्मीर को प्यार करता है। लेकिन कुछ मुठ्ठी भर गुमराह हुए लोग कश्मीर की महान परंपरा को कहीं न कहीं ठेस पहुंचा रहे हैं।'मोदी ने कहा, मेरी सरकार अटल बिहारी वाजपेयी के ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’’ के मंत्र में भरोसा रखती है। उन्होंने अलगाववादियों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कश्मीर के युवकों के हाथों में किताब होनी चाहिए लेकिन उनकी हाथों में पत्थर है। मोदी ने कहा कि कश्मीरियों को भी भारत के अन्य हिस्सों के लोगों की तरह आजादी प्राप्त है।
यह देखना बहुत दुखदायी है कि जिन युवाओं के पास लैपटाप, क्रिकेट गेंद होनी चाहिए, उन्हें पत्थर थमा दिये गये। प्रधानमंत्री ने कहा, 'एक तरफ हम हैं जो विकास के मार्ग पर अपनी समस्याओं और कठिनाइयों को दूर कर आगे बढने के लिए का रास्ता खोज रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वे लोग हैं जिन्हें विकास पच नहीं रहा और वे सिर्फ विनाश का रास्ता पकड़ कर बैठे हैं।' प्रधानमंत्री ने देश के राजनीतिक दलों विशेषकर कांग्रेस का आभार व्यक्त करते हुए कहा, 'मैं देश के राजनीतिक दलों का आभार व्यक्त करता हूं, विशेष रूप से कांग्रेस का भी आभार व्यक्त करता हूं। कश्मीर मुद्दे पर हिन्दुस्तान के सभी राजनीतिक दलों ने बहुत परिपक्व तरीके से पूर्णतया देशभक्ति के वातावरण में इस समस्या के समाधान के प्रयास किए। आज भी हिन्दुस्तान के सभी राजनीतिक दल कश्मीर के विषय में एक सुर में बोल रहे हैं और एक ही दिशा में जाने को संकल्पबद्ध हैं। यही हिन्दुस्तान की ताकत है। यही हिन्दुस्तान का सामर्थ्य है, इसी को लेकर हम आगे बढ़ना चाहते हैं।