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भोपाल: मध्य प्रदेश में डेढ़ सप्ताह के दौरान हुई भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ में आ गई है और जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाढ़ से 35 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि नौ अब भी लापता हैं। मौसम विभाग के अनुसार, एक जून से 16 जुलाई तक राज्य के 33 जिलों में सामान्य से अधिक, 14 जिलों में सामान्य तथा चार जिलों में कम वर्षा दर्ज की गई। आधिकारिक बयान के मुताबिक, बीते डेढ़ पखवाड़े में हुई बारिश का राज्य के कई हिस्सों पर प्रतिकूल पड़ा है। राज्य के 51 जिलों में से 23 जिले बाढ़ की जद में हैं, जहां तीन लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। विस्थापित लोगों के लिए 27 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें आठ हजार से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा राजधानी भोपाल में 8० हजार लोग प्रभावित हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ से अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक पन्ना और जबलपुर जिले में सात-सात लोगों की मौत हुई है, वहीं राजधानी में पांच लोग बाढ़ का शिकार बने। इसके अलावा बाढ़ में बहे नौ लोग अब भी लापता हैं। इनमें पांच युवक रीवा जिले के हैं जो पूर्वा फॉल पर पिकनिक मनाने गए थे और अचानक पानी का बहाव तेज होने से वे बह गए थे। वर्षा और बाढ़ से 2487 मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के 51 जिलों में से 33 जिले - जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सीधी, सतना, इंदौर, अलीराजपुर, खण्डवा, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, देवास, शाजापुर, मुरैना, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा और बैतूल में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।

राज्य के 14 जिले सिंगरौली, रीवा, शहडोल, उमरिया, धार, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, नीमच, आगर, भिण्ड, ग्वालियर और दतिया में सामान्य वर्षा हुई है। सिर्फ चार जिले बालाघाट, डिण्डोरी, अनूपपुर और श्योपुरकला ऐसे जिले हैं, जहां सामान्य से कम बारिश हुई है।

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