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नई दिल्ली: मध्य-प्रदेश की कमलनाथ सरकार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबंधन करके फिर मुसीबतों में पड़ गई है। अल्पमत में गई सरकार को सहारा देने वाली दो बसपा विधायकों में एक के पति एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता की हत्या के मामले में वांछित हैं। शुक्रवार को विधानसभा में उनकी उपस्थिति के बाद हंगामा होने से सत्तारूढ़ को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। बसपा विधायक रामबाई ठाकुर के पति गोविंद ठाकुर के खिलाफ पिछले चार महीनों से गिरफ्तारी वारंट होने के बावजूद वे विधानसभा परिसर में टहल रहे थे। उनकी गिरफ्तारी पर 25,000 रुपये का इनाम था।

सरकार ने पिछले महीने उनकी गिरफ्तारी पर से इनाम हटा दिया जिसके बाद पार्टी तथा विपक्ष में असंतोष फैल गया। चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल होने वाले बसपा के पूर्व वरिष्ठ नेता देवेंद्र चौरसिया की लोकसभा चुनावों से पहले मार्च में हत्या कर दी गई थी। विधानसभा में 114 विधायकों के साथ कांग्रेस सदन में 108 विधायकों वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सिर्फ मामूली बढ़त पर है। चार निर्दलीय, बसपा के दो और समाजवादी पार्टी (सपा) के एक विधायक का कांग्रेस को समर्थन है।

सोमेश ने कहा, “मैंने अपने पिता की हत्या देखी है और अदालत में बयान दर्ज कराया है कि मेरे पिता की हत्या करने वालों में गोविंद सिंह ठाकुर शामिल हैं। अब मुझे लगता है कि मेरे पिता ने कांग्रेस में आकर गलती की थी।”

टीवी चैनलों पर ठाकुर के विधानसभा परिसर में टहलने के वीडियो आने के बावजूद गृह मंत्री बाला बच्चन अनभिज्ञता जताते हुए कहा, “हम मामले की जांच करेंगे।” देवेंद्र चौरसिया की दमोह जिला के हट्टा गांव में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में ठाकुर और उनके साथी आरोपी हैं। ठाकुर ने इससे पहले मीडिया से कहा था कि वे घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे।

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